मायावती द्वारा खुद को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गुलाम बताए जाने पर केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय और सशक्तिकरण राज्‍य मंत्री रामदास अठावले ने पलटवार किया है। अठावले ने रविवार को कहा कि ‘दरअसल मायावती गुलाम हैं, क्‍योंकि वह तीन-तीन बार भगवा पार्टी के समर्थन से ही मुख्‍यमंत्री बनी हैं।’ अठावले ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ”मैं मायावती की इज्‍जत करता हूं, लेकिन उनके बयान से सहमत नहीं हूं। मैं सरकार से जुड़ा, मगर मैं भाजपा का गुलाम नहीं हूं। वह (मायावती) खुद भाजपा की तीन बार गुलाम रह चुकी हैं। वह तीन बार भाजपा के समर्थन की वजह से मुख्‍यमंत्री बनकर आईं।” मायावती के आरोप कि अठावले राजनैतिक फायदे के लिए दलितों के वाेट बांट रहे हैं, पर उन्‍होंने कहा कि वह खुद को पिछड़े समुदाय की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित कर चुके हैं।

अठावले ने सवाल उठाए थे कि जब मायावती डाॅ. बीआर अम्‍बेडकर के पदचिन्‍हों पर चलने का दावा करती हैं, तो उन्‍होंने बौद्ध धर्म क्‍यों नहीं अपनाया। इस पर मायावती ने कहा था कि ‘वह (अठावले) भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दलित वोटों को बांटने और उन्‍हें दूसरी पार्टियों के गुलाम की तरह काम करने के मकसद के तहत काम कर रहे हैं।’ उन्‍होंने कहा, ”भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कुछ गुलाम मानसिकता वाले मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया है। आरपीआई के रामदास अठावले उनमें से एक हैं।”

इससे पहले, रविवार को ही भाजपा सांसद उदित राज ने भी मायावती पर हमला बोला था। राज ने कहा था कि उन्‍होंने (मायावती) ने किसी भी उभरते हुए दलित नेता को नहीं छोड़ा। राज ने कहा, ”मायावती हमेशा अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। क्‍या उन्‍होंने दलितों के लिए मुझझे और अठावले से ज्‍यादा काम किया है? जब भी कोई दूसरा दलित नेता अपना मुंह खोलता है, मायाचती उस पर टूट पड़ती हैं।”

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