केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने जनता परिवार के दलों के विलय पर चुटकी लेते हुए आज कहा कि इसमें शामिल लोगों के दिल तो मिलते नहीं, लेकिन दल का विलय कर लिया।

केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब दिल मिलता है तब दल का विलय ठीक रहता है। इनके (जनता परिवार में शामिल दलों के) दिल तो मिलते नहीं, दल का विलय कर लिया।’’
उनसे जनता परिवार में शामिल दलों के विलय के बारे में सवाल किया गया था।

जब कहा गया कि विलय के लिए औपचारिक बैठक की गयी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को नये दल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है तो पासवान बोले, ‘‘मुलायम सिंह यादव को तो अध्यक्ष बना दिया लेकिन पार्टी का नाम क्या है। उसका चुनाव निशान क्या है… झंडा कौन सा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले दिल तो एक करो, फिर दल एक करना। अगर दिल मिला होता तो पार्टी के नाम, झंडे और चुनाव निशान की घोषणा परसों ही कर दी जाती। क्योंकि चुनाव आयोग के सामने तो पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न लेकर जाना होगा।’’
पासवान ने कहा कि एक समय जनता परिवार के मुखिया विश्वनाथ प्रताप सिंह थे और ‘‘मैं उनके सबसे नजदीक था। सपा, जदयू, राजद आदि विश्वनाथ प्रताप सिंह से नहीं जुडे थे।

जब सवाल किया गया कि बिहार और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों पर इस विलय का क्या असर होगा, पासवान ने कहा कि चुनावों में इस विलय से राजद और जद-यू को कोई फायदा नहीं होगा। बिहार की बात करें तो जद-यू के कई नेता नहीं चाहते कि उनकी पार्टी का नाम और चुनाव निशान बदले। इसी तरह राजद के भी कई नेता नहीं चाहते कि उनकी पार्टी का नाम और लालटेन का निशान छिने।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इन पार्टियों में बगावत होगी और बागी नेता अपने दम पर चुनाव लड़ने उतरेंगे। इसी तरह उत्तर प्रदेश में कई सपाई नहीं चाहते कि उनकी पार्टी का नाम और चुनाव निशान बदले।

लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख राम विलास पासवान ने कहा कि शरद यादव से जब सवाल किया जाएगा कि आप दल में किस पद पर हैं तो वह क्या जवाब देंगे। इसी तरह नीतीश कुमार से पूछा जाए कि वह दल में क्या हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि जनता परिवार में शामिल दलों ने दलितों की अनदेखी की है। मुलायम सिंह यादव ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया। उल्टे वह दलित के खिलाफ लड़ते रहे। ‘प्रोन्नति में आरक्षण’ दिये जाने के मुद्दे पर वह अड़ गये कि ऐसा नहीं होने देंगे। प्रोन्नति में आरक्षण पर मुलायम अडे और संप्रग सरकार ने इस आशय का कानून नहीं बनाया।

पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने भी दलितों के लिए कुछ नहीं किया। ‘‘नीतीश ने महादलित बना दिया और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन बाद में उन्हें अपमानित कर इस पद से हटा दिया।’’

इस सवाल पर कि अब उनकी खुद की सरकार है तो क्या वह प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था कराएंगे, उन्होंने कहा, ‘‘अवश्य कराएंगे। पहली कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। हम लोकसभा में विधेयक लाये। इसे संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा गया है। समिति के पास से विधेयक वापस आने पर इसे संसद में पारित कराया जाएगा।’’

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