राम मंदिर निर्माण में हो रही देरी के कारण साधु-संतों में व्याप्त असंतोष के बीच भाजपा सांसद और 90 के दशक में मंदिर आंदोलन का चेहरा रहे विनय कटियार ने बुधवार को कहा कि भाजपा सरकार इस बारे में किए वादे को पूरा करने की दिशा में कुछ संकेत दे।
कटियार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना सरकार को या तो वार्ता या फिर कानून बनाकर इस मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कह चुके हैं कि सरकार कानून बनाकर इस मुद्दे का हल निकालने की स्थिति में नहीं है क्योंकि राज्यसभा में उसके पास बहुमत नहीं है।
कटियार ने कहा कि विधेयक लोकसभा में लाया जाए, जहां सरकार को बहुमत है। फिर विधेयक को राज्यसभा में रखा जाए। जनता को पता लगना चाहिए कि राम मंदिर पर किए वादे को पूरा करने के लिए सरकार क्या कुछ कर रही है। इससे लोगों के दिमाग में हमारे इरादों को लेकर उपजा भ्रम खत्म होगा और यह दुष्प्रचार करने वालों का भी पर्दाफाश हो जाएगा कि हम मंदिर मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सभी समस्याएं बातचीत से हल हो सकती हैं। दशकों पुराने इस विवाद को लेकर वार्ता जारी रहनी चाहिए। मंदिर आंदोलन के केंद्र में रहे कटियार ने कहा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर सत्ता में नहीं आई है। लेकिन यह मुद्दा भाजपा के मतदाताओं के लिए देश के विकास जितना ही महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मामले को और लंबे समय तक ठंडे बस्ते में रखा गया तो रामभक्तों के गुस्से की सभी सीमाएं पार हो सकती हैं।