पटना/नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि मधुबनी जिले के अनराथारी गांव के एक मंदिर में उनकी पूजा-अर्चना के बाद मूर्ति और मंदिर धोए जाने के मामले की जांच आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक करेंगे। जांच रिपोर्ट आने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। वहीं मंदिर के पुजारी ने मांझी के आरोपों से इनकार किया है।
पटना में सोमवार को उद्यमी पंचायत में भाग लेने के बाद पत्रकारों को मांझी ने बताया कि परमेश्वरी देवी मंदिर में उनकी पूजा-अर्चना के बाद मूर्ति और मंदिर धोए जाने के मामले की जांच दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को सौंपी गई है।जांच रिपोर्ट मिलने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के खान और भूतत्व मंत्री राम लखन राम रमण ने उन्हें दोबारा इस बारे में बताया तब उन्होंने इस बात को सार्वजनिक तौर पर कहा। मांझी ने आरोप लगाया कि रमण अब मुकर रहे हैं। लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और मधुबनी संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद देवेंद्र यादव ने उन्हें फोन कर बताया कि स्थानीय करीब दो सौ लोगों ने उन्हें बताया था कि आपके उक्त मंदिर में पूजा-अर्चना कर चले जाने के आधे घंटे के बाद उक्त मंदिर को धोया गया। उन्होंने कहा कि यह विवाद का कोई मुद्दा नहीं है। वह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवा रहे हैं। जांच में दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक शामिल होंगे। मांझी ने कहा कि ये दोनों पदाधिकारी मामले की जांच कर रिपोर्ट सौपेंगे। जांच में सच्चाई पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
जद (एकी) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री के आरोपों के सवाल पर कहा कि इस युग और आज के समाज में अगर ऐसा हुआ है तो वे पार्टी की ओर से इस घटना की निंदा करते हैं, क्योंकि इसकी कल्पना भी नहीं का जा सकती। सिंह ने कहा कि यह तो कानून और अधिकार का उल्लंघन है। ऐसे में इस तरह के काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने स्तर पर भी मामले का पता लगाएगी।
वहीं परमेश्वरी देवी मंदिर के पुजारी अशोक कुमार मिश्र ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा पूजा-अर्चना करने के बाद मूर्ति और मंदिर को धोए जाने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि रोजाना मंदिर को सुबह और शाम को धोया जाता है।
वहीं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने इस घटना को शर्मनाक बताया है। उन्होंने सोमवार को इस बात पर आश्चर्य जताया कि मांझी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए तत्काल पुलिस से क्यों नहीं कहा। मांझी की तरह पासवान भी दलित नेता हैं। उन्होंने कहा कि देश में अस्पृश्यता एक अपराध है। किसी साधारण नागरिक के साथ भी ऐसा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि एक मुख्यमंत्री खुद कहे कि उनकी यात्रा के बाद मंदिर की धुलाई कराई गई।
पासवान सोमवार को यहां ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत भारतीय खाद्य निगम के बाहर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्हें (मांझी को) तत्काल पुलिस को बुलाकर इलाके की छापेमारी के लिए कहना चाहिए था। उन्हें दोषी लोगों को जेल भिजवाना चाहिए था।