अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा। मंदिर में प्रतिमा को स्थापित करने के लिए तीन मूर्तियों को तराशा गया है। इनमें से एक की स्थापना की जाएगी। हालांकि किस मूर्ति की स्थापना की जाएगी, अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से नहीं आया है। इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर की विशेषताएं बताई हैं।

नृपेंद्र मिश्रा का बड़ा बयान

इस बीच राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, “रामलला की मूर्ति के संबंध में अंतिम घोषणा राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय द्वारा की जाएगी। तीन मूर्तिकारों का चयन किया गया है और उन्हें मूर्ति तराशने के लिए पत्थर उपलब्ध कराया गया।”

नृपेंद्र मिश्रा ने आगे कहा, “चंपत राय उचित समय पर इस बारे में बोलेंगे। यह बात साफ है कि ट्रस्ट तीनों मूर्तियां ले लेगा। लेकिन इनका उपयोग कैसे करेगा यह उसी को तय करना है।”

ट्रस्ट ने बताई अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की विशेषताएं

ट्रस्ट ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की विशेषताएं बताई हैं। ट्रस्ट ने कहा, “मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी। साथ ही मंदिर तीन मंजिला रहेगा और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे। वहीं मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।”

ट्रस्ट ने आगे बताया, “मंदिर में 5 मंडप होंगे। इसमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप शामिल है। इसके अलावा खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा। साथ ही दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।”