अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिवसीय अनुष्ठान किया है। पीएम मोदी के इस कदम की तारीफ धार्मिक संगठन भी कर रहे हैं। परमार्थ निकेतन आश्रम के चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम मोदी के आह्वान से चौतरफा उत्साह पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों को खुद को राष्ट्रीय हित के लिए समर्पित करना चाहिए।
चिदानंद सरस्वती ने कहा, ”हम भाग्यशाली हैं कि हमें उनके जैसा प्रधानमंत्री मिला। मंदिर 500 वर्षों के संघर्ष और बलिदान के बाद बन रहा है।” वहीं जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, “पीएम मोदी की घोषणा से पता चलता है कि वह न केवल एक दुर्लभ प्रशासक हैं, बल्कि एक अद्वितीय उपासक भी हैं। उन्होंने कहा कि संतों और कई धार्मिक संगठनों ने भी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए विभिन्न अनुष्ठान और कार्यक्रम किए हैं। हर किसी को कुछ धार्मिक अभ्यास का पालन करना चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा वैश्विक भाईचारे, सद्भाव और खुशी के लिए है और इसीलिए प्रधान मंत्री ने विशेष धार्मिक अभ्यास भी शुरू किया है।”
एक बयान में आध्यात्मिक गुरु श्री एम ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को मानव जाति की खुशी की भावना में कुछ धार्मिक अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी के फैसले की सराहना की।
हरिद्वार में धार्मिक गुरुओं द्वारा एक हवन भी आयोजित किया गया, जिसमें पीएम मोदी के संकल्प की सफलता के लिए प्रार्थना की गई। सरयू महा आरती के शशिकांत दास महाराज ने पीएम मोदी के 11 दिवसीय अभ्यास की सफलता के लिए प्रार्थना की और कहा कि प्रधान मंत्री की देखरेख में राष्ट्र मंदिर का निर्माण भी निश्चित है। उन्होंने एक बयान में कहा, “भगवान राम देश के लिए पीएम मोदी की इच्छाएं पूरी करें।” वहीं देवबंद के स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री के संकल्प में सभी संतों का आशीर्वाद उनके साथ है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी भी शामिल होंगे। इसके अलावा 7 हजार विशिष्ट अतिथियों को निमंत्रण भेजा गया है। विपक्ष के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।