राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। कहा जा रहा है कि वह ही इस कार्यक्रम में मुख्य यजमान की भूमिका अदा करेंगे। अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा बयान दिया है।
कामेश्वर चौपाल ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि ऐसा लगता है कि पीएम नरेंद्र मोदी का जन्म इसी काम के लिए हुआ है। शायद ईश्वर ने उन्हें किसी योजना के तहत भेजा है। दरअसल ANI द्वारा कामेश्वर चौपाल से राम मंदिर मूवमेंट में पीएम मोदी की भूमिका को लेकर सवाल किया गया था।
इस सवाल के जवाब में कामेश्वर चौपाल ने कहा, “कभी-कभी तो मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी का जन्म ही इसी काम के लिए हुआ है। वह बाल काल में आध्यात्म से जुड़े रहे हैं। शायद ईश्वर ने उन्हें किसी योजना के तहत उन्हें भेजा है। एक प्रकार से कह सकते हैं कि हिंदू धर्म के फिर से उत्थान का काम चल रहा है। वो बाल्यकाल से ही हिंदू धर्म के लिए संघर्ष करते रहे हैं। जब आडवाणी ने सोमनाथ से रथ यात्रा निकाली थी रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए, कह सकते हैं कि तब सारथी की भूमिका में नरेंद्र मोदी थे।”
इससे पहले उन्होंने कहा कि जब देश में अंग्रजों का शासन था, उस समय भी कई संघर्ष हुए हैं। देश जब आजाद हुआ था, तब 1949 में प्रभू यहां प्रकट हुए थे और उसके बाद जो संघर्ष चला। यह संघर्ष भी उस संघर्ष से कम नहीं था। खून की होलियां खेली गईं। निहत्थे राम भक्तों पर गोलियां बरसाई गईं। डंडे चलाए गए और इतने संघर्षों के बाद सड़क से संसद तक और व्यवहार न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय की यात्रा के बाद प्रभू राम को अपनी जन्मभूमि की प्राप्ति हुई है। संघर्ष के बाद हुआ है, इसलिए आनंद का वातावरण भी है।
पीएम नरेंद्र ने केरल के ‘त्रिप्रयार श्री राम स्वामी मंदिर’ में की पूजा-अर्चना
बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने केरल के विख्यात ‘त्रिप्रयार श्री राम स्वामी मंदिर’ में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री पास के गुरुवायूर में भगवान श्रीकृष्ण मंदिर में अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी की बेटी के विवाह समारोह में भाग लेने के बाद वहां पहुंचे थे। उन्होंने करुवन्नूर नदी यानी थेवरा नदी के तट पर स्थित श्री राम स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री गुरुवायूर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद सुबह करीब पौने 10 बजे हेलीकॉप्टर से वलपद पहुंचे और इसके बाद कुछ किलोमीटर दूर त्रिप्रयार मंदिर के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री पूजा के दौरान पारंपरिक परिधान ‘मुंडू’ (धोती) और ‘वेष्टि’ (सफेद शॉल) धारण किए हुए थे। उन्होंने इस दौरान ‘मीन ओट्टू’ (मछलियों को दाना डालने) का अनुष्ठान भी किया। (इनपुट – ANI / PTI)