अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा। इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल कई लोग सवाल पूछ रहे थे कि राम मंदिर किस संप्रदाय का है? इसको लेकर चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर रामानंद परंपरा का है और यह रामानंद संप्रदाय का है। उन्होंने कहा कि यह संन्यासियों का नहीं है ना ही शैव शाक्त का है बल्कि यह रामानंद संप्रदाय का है।
राम मंदिर की तैयारियों को लेकर चंपत राय ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि एक हफ्ते चलेगी। उन्होंने कहा कि जो ब्राह्मण पूजन करेंगे, उनकी टोली तैयार हो गई है। इसके अलावा जिस स्थान पर पूजन किया जाएगा, वह भी तैयार कर लिया गया है। चंपत राय ने बताया कि ब्राह्मणों के ठहरने के स्थान से लेकर कौन भोजन बनाएगा, सबकी व्यवस्था कर ली गई है।
चंपत राय ने मूर्ति को लेकर एक दिन पहले ही जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, “भगवान श्री राम की जो प्रतिमा मंदिर में लगेगी, वह अपने आप में बहुत खास होगी। भगवान की जिस प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा, वह 51 इंच बड़ी, 1.5 टन वजनी और बाल स्वरूप की होगी।” साथ ही उन्होंने बताया कि रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें प्रतिमा के माथे को स्पर्श करेंगी।
18 जनवरी को मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जाएगा। भगवान राम की मूर्ति पर पानी, दूध या आचमन का कोई प्रभाव भी नहीं होगा। जिस जगह पर राम मंदिर में मूर्ति को स्थापित किया जाएगा, उसे वैज्ञानिकों की राय के मुताबिक तैयार किया गया है। इसे इस तरीके से बनाया गया है ताकि हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की 9 तारीख को रामनवमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें श्रीराम का अभिषेक करें।
चंपत राय ने कहा कि तीन मूर्ति में से एक मूर्ति का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस मूर्ति को स्थापित किया जाएगा वह गहरे रंग के पत्थर से बनी मूर्ति है और इसमें भगवान विष्णु की दिव्यता भी दिख रही है और एक शाही बेटे की झलक भी है। साथ ही इसमें 5 साल के बच्चे की मासूमियत भी है।