अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। वहीं, नाविकों ने कहा है कि वो राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन 22 जनवरी को भक्तों को मुफ्त में नौका यात्रा कराएंगे। वाराणसी के नाविक समाज ने गंगा घाट पर एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को निशुल्क सेवा देने का फैसला लिया है।
‘मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास’ के संगठन मंत्री शम्भू साहनी ने पीटीआई भाषा को बताया,‘‘ निषाद समाज का प्रभु श्री राम से अटूट रिश्ता रहा है। वन गमन के समय निषाद राज ने प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता को अपनी नाव से बिना शुल्क लिए नदी पार करायी थी।’’ उन्होंने कहा कि इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नाविक समाज की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 22 जनवरी को बनारस के सभी 84 घाट पर गंगा के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मुफ्त नाव सेवा प्रदान की जाएगी।
साहनी ने बताया कि 22 जनवरी को ही दिन में बनारस के राजघाट से निषादराज घाट तक भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता जानकी के नाम से एक शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होंगे। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले नेपाल से 21 हजार पुजारी अयोध्या आने वाले हैं। यह 21 हजार पुजारी 14 से 25 जनवरी तक अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंगों की स्थापना के लिए आयोजित एक भव्य ‘राम नाम महायज्ञ’ में शामिल होंगे।
इस महायज्ञ को नेपाल के 21,000 पुजारी ही संपन्न करेंगे। इसके लिए 1008 झोपड़ियां पहले से ही बनकर तैयार हैं, जिसमें एक भव्य यज्ञ मंडप भी शामिल है और इसमें 11 परतों की छत है। जिसके लिए राम मंदिर से 2 किलोमीटर दूर सरयू नदी के रेत घाट पर 100 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई है। महायज्ञ का आयोजन आत्मानंद दास महात्यागी उर्फ नेपाली बाबा द्वारा किया जाएगा, जो अयोध्या के रहने वाले हैं मगर अब वह नेपाल में बस गए हैं।
महायज्ञ समाप्त होने के बाद 1008 शिवलिंगों को पवित्र सरयू नदी में विसर्जित किया जाएगा। हर दिन 50,000 भक्तों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है और प्रति दिन लगभग 1 लाख भक्तों के लिए भोज का आयोजन किया जाएगा।
