प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के 15 सदस्यी कमेटी के बारे में जानकारी दी। पीएम ने बताया कि इस कमेटी में एक दलित सदस्य को भी शामिल किया गया है। लोकसभा में प्रधानमंत्री द्वारा इस संबंध में घोषणा के बाद भाजपा के कई सदस्यों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाये। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया।
सुप्रीम कोर्ट ने गत 9 नवंबर को अयोध्या की विवादित जमीन पर फैसला सुनाया था और रामलला को मालिकाना हक दिया था। वहीं यूपी सरकारक को मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया था। पीएम मोदी के संसद में इस एलान के बाद अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी अयोध्या में ट्रस्ट की घोषणा कर दी है। बोर्ड ने एलान किया है कि जमीन पर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल का निर्माण किया जाएगा।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट का नाम ‘इंडो इस्लामिक कल्चर ट्रस्ट’ रखा है। सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट अस्पतालों, स्कूलों, पुस्तकालयों, सार्वजनिक उपयोगिता के बुनियादी ढांचे और संस्थानों के निर्माण को सुनिश्चित करेगा जो इस्लामी सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्य सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली होंगी। बाबरी मस्जिद केस से जुड़े रहे लोगों को इस ट्रस्ट का सदस्य घोषित किया जाएगा।’
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने इस ट्रस्ट के लिए रुपरेखा भी तैयार कर ली है, इसका पंजीकरण भी नियमित रूप से किया जाएगा। सरकार से पांच एकड़ जमीन मिलने के बाद इसमें जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा।’
वहीं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने पर उत्तर प्रदेश सरकार की रजामंदी पर कहा कि वक्फ बोर्ड मुसलमानों का प्रतिनिधि नहीं है और अगर वह भूमि लेता है तो इसे मुल्क के मुसलमानों का फैसला नहीं माना जाना चाहिए।