अयोध्या में जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर के लिए ”ग्राम-ग्राम, राम-राम” मुहिम चलाने की बात कही है। बता दें कि माघ मेला में ज्योतिष पीठ के जगद्गुरू शंकराचार्य सरस्वती के शिविर में बुधवार को संपन्न हुए संत-भक्त संसद में मौजूद साधु संतों ने राम मंदिर के लिए ग्राम-ग्राम, राम-राम मुहिम चलाने का निर्णय किया है। सभा में श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष श्रीमहन्त जनमेजय शरण जी महाराज ने कहा, ‘इस मुहिम के तहत देश के प्रत्येक गांव में एक संत जाएगा और सभी राम भक्तों को राम-राम कहकर प्रत्येक ग्राम से एक ग्राम सोना इकट्ठा कर राम मंदिर रथ के सारथी को सौंपेगा।’

सोना चला राम के नाम बोलते सारथी रथ बढ़ेगा आगे- महाराजः मामले में बोलते महाराज ने कहा कि सारथी रथ के साथ एक ग्राम (गांव) से एक ग्राम (वजन), सोना चला राम के नाम को बोलते हुए आगे बढ़ेगा। संतों ने शंकराचार्य जी द्वारा प्रस्तुत स्वर्णजटित बाल मंदिर के निर्माण के विचार का भी अभिनंदन किया है।

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मनोकामेश्वर मंदिर से अयोध्या जाएंगे राम मंदिर रथः मामले में महाराज ने बताया कि स्वर्ण संग्रह हो जाने पर हर प्रदेश से राम मंदिर रथ अपने सारथी के नेतृत्व में प्रयाग के मनोकामेश्वर मंदिर पहुंचेंगे और फिर वहां से अयोध्या के लिए रवाना होंगे। बता दें कि इसके लिए 37 प्रदेशों के राम मंदिर सारथी नियुक्त किए जा चुके हैं।

मंदिर के छोटे मॉडल पर विचार जरुरी-संतः सभा में सन्तों ने कहा कि विहिप का मंदिर का मॉडल छोटा है और भविष्य में दर्शनार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ है। इस सच्चाई को जितनी जल्दी समझ लिया जाए उतना अच्छा है।

कई संतो ने लिया सभा में हिस्साः सभा में अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम जी, महामन्त्री शंकराश्रम जी महाराज, अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ के ब्रह्मचारी गुणप्रकाश चैतन्य जी आदि सहित सैकड़ों सन्तों महंतों ने हिस्सा लिया है। हिस्सा लेने के साथ अपने विचारों को भी प्रकट किया है। इस सभा की अध्यक्षता अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने की है।