राज्यसभा में शुक्रवार को वायु, जल और भूमि प्रदूषण की स्थिति पर संयुक्त संसदीय समिति की मांग वाले एक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल के सदस्यों ने देश के ‘प्रदूषित राजनीतिक माहौल’ पर व्यंग्य किया।

बीमारियों को भगाने में यज्ञ जैसे अनुष्ठानों के कथित लाभों का जिक्र करते हुए भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने भी इस बहस में हिस्सा लिया। यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद अमी याज्ञनिक ने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हर राज्य में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी जैसी एजेंसियों के होने के बावजूद कानूनों पर अमल एक समस्या बना हुआ है।

वहीं, राज्यसभा के सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि गांवों में बीमारियों के प्रकोप के दौरान लोग हवन और यज्ञ करते हैं और उससे निकलने वाला धुआं बीमारियों को खत्म करने में मदद करता है। हमारे बुजुर्ग हम लोगों से बड़े वैज्ञानिक थे।

भाजपा सांसद ने बताया कि उनके परिवार ने पिछले साल जनता कर्फ्यू के दौरान 14 घंटे का यज्ञ किया था। जांगड़ा ने कहा कि उनकी पत्नी एक प्रकार की आंखों की एलर्जी से पीड़ित थीं और डॉक्टरों ने उनको धुंए से बचने की सलाह दी थी। बावजूद इसके वह अनुष्ठान में बैठी थीं। जांगड़ा ने दावा किया, ”लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यज्ञ ने उनकी आंखों को ठीक कर दिया।”

रामचंद्र जांगड़ा ने आगे कहा, ”आज अमेरिकी वैज्ञानिक भी कहते हैं कि गायत्री मंत्र से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन अगर हम इस देश में ऐसा कह दें तो कुछ लोगों की धर्मनिरपेक्षता को ठेस पहुंचेगी और वे इसे सांप्रदायिक कहेंगे। इसलिए हमें इस मानसिक प्रदूषण को खत्म करने की जरूरत है, तभी हम वायु प्रदूषण से लड़ सकते हैं।”

इस दौरान राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि प्राधिकरणों के तर्क प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए गंभीरता की उनकी कमी को इंगित करते हैं। मनोज झा ने कहा कि जहरीली हवा से समाज का गरीब तबका सबसे ज्यादा पीड़ित है। झा ने आगे कहा, “मेरा मानना ​​​​है कि हमें अपने दिमाग को साफ करने के बारे में भी सोचना चाहिए, यह देखते हुए कि हमारा राजनीतिक जीवन किस हद तक प्रदूषित हो गया है।”

इस पर भाजपा सांसद अजय प्रताप सिंह ने मनोज झा पर निशाना साधते हुए कहा, “यह सदन लोगों के लिए इसकी मेज पर उछल-कूद करने की जगह बन गया है। जब आप स्पीकर पर कागज के टुकड़े फेंकते हैं, तो वह भी एक प्रकार का प्रदूषण है।”