भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजीपुर में आयोजित सभा में किसानों को ऐसा फॉर्मुला बताया जिससे इस आंदोलन को अक्टूबर तक जारी रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक गांव से 15 लोग आएं और 10 दिन तक रुकें। इसके अलावा गांव से एक ट्रैक्टर भी आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी फसल का भी ध्यान रखना है। इसलिए अपना काम भी करते रहिए और यहां पर अपनी शिफ्ट में हाजिर रहिए। क्योंकि जैसे ही आंदोलन में लोगों की संख्या कम होने लगेगी, लोग कहेंगे कि प्रदर्शन कमजोर हो गया।’

राकेश टिकैत रोहतक में भी एक सभा में पहुंचे थे। उन्होंने कहा, तुम अपनी ही करतूत की सजा भोगोगे। इन्होंने दिल्ली की पूरी किलाबंदी कर दी। बंदूक लगा रखी हैं। हमने कहा, जब-जब राजा डरता है किलेबंदी करता है। टिकैत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, चुनाव के समय इन लोगों की सभा नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा, ‘ये लोग हमारे जवानों की पेंशन खा गए। मतलब विधायक को पेंशन और जवान को पेंशन नहीं। या तो उन्हें भी पेंशन मिले या फिर सांसद और विधायक को भी न मिले।’

टिकैत ने कहा, इनका इलाज किया जाएगा। तुमने किसानों के ऊपर अत्याचार किए हैं। नेशनल हाइवे को खोदने का काम किया। दिल्ली जाने वाले पंजाब के सरदार और किसानों पर आंसू गैस के गोले चलाए। तुम प्रोग्राम के बिना तरसोगे। जब तक समाज से माफी नहीं मांगोगे , तुम्हें कोई प्रोग्राम नहीं करने देगा। उन गुरुद्वारों से माफी मांगो जिनको बदनाम करने की कोशिश की। तुमने सरदार को देश का गद्दार करार दे दिया। अगर सरदारों की मेहर न होती तो देश बर्बाद हो जाता।

भाकियू प्रवक्ता ने कहा, ये बांटने की कोशिश करेंगे, हम जोड़ने की कोशिश करेंगे। किसान का सवाल है, उसका जवाब किसानों को देना पड़ेगा। 6 तारीख को शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे तक हमारे कार्यक्रम रहेंगे। जो लोग जाम में फंसेंगे उनको सारी सुविधाएं दी जाएंगी। बता दें कि किसानों ने शनिवार को दिल्ली को छोड़कर अन्य जगहों पर चक्का जाम करने का ऐलान किया है।