किसान नेता राकेश टिकैत ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो अपने दिमाग ठीक कर ले। हम वहीं के वहीं हैं। एमएसपी पर कानून बना दे, नहीं तो 26 जनवरी दूर नहीं है। 4 लाख ट्रैक्टर भी ज्यादा दूर नहीं हैं। टिकैत ने साफ लहजे में कहा कि ये गुंडागर्दी नहीं चलने वाली है। वो जो भी करने की सोच रही है उससे पीछे हट जाए, नहीं तो अंजाम बुरा होगा।

टिकैत ने कहा कि किसान ने एक साल के दौरान बहुत कुछ झेल लिया है। अपने घरों को छोड़कर वो दिल्ली के बॉर्डर पर पड़े हैं। सर्दी, गर्मी और बरसात की चिंता किए बगैर किसान आंदोलन कर रहा है। लेकिन अब हमारे सब्र का पैमाना छलकता जा रहा है। टिकैत का कहना है कि जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा किसान अपने घरों को नहीं लौटने वाले।

सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अपने तरीके से राय रखी। एक ने लिखा- भारत के संविधान निर्माता है क्या राकेश टिकैत, जो आप बोलेंगे वही होगा। कल बोलेंगे चीन को जमीन दे दीजिए। हमारे किसान नाराज हो गए तो क्या हम चीन को अपनी किसान की जमीन दे देंगे। जो किसान भाइयों के हित में था उसे पूरा किया गया। देश के दलालों की भाषा ना बोलें राकेश टिकैत।

नीरज ने लिखा- अब बिना… खाये ये जाने वाला नही है। ये अन्नदाता के भेष मे छिपे देश द्रोही है। ये कांग्रेसी गिद्ध बिना लाशें नोचे ये आंदोलन नही खत्म करने वाले। अन्नदाता के नाम पे ये नौटंकी बंद हो, ये ही नही किसान है देश मे 10 करोड़ किसान है जिसमे एक मेरा भी परिवार है। एक ने टिकैत को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें। इससे फिर से दंगा भड़क सकता है।

गौरतलब है कि रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार से किसानों के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर तत्काल कानून बनाने के संबंध में कदम उठाने की मांग की है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए सभी विपक्षी दल एक स्वर में बोलते दिखे।