राकेश टिकैत ने कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन लगातार चलता रहेगा, चाहे गर्मी हो या बरसात। गर्मियों में बॉर्डर पर जनरेटर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थल ही हमारा घर है। सरकार हमें बिजली के कनेक्शन दे, नहीं तो हमें मजबूरी में यहां जनरेटर लगवाने पड़ेंगे।

टिकैत ने कहा कि पहले यूपी सरकार से बिजली के कनेक्शन मांगा जाएगा और फिर दिल्ली सरकार से। अगर उन्होंने बात नहीं सुनी तो आंदोलन स्थल पर जेनरेटर लगाए जाएंगे। सरकार ने किसानों की राह में जो कीलें गाड़ी हैं, उन्हें निकालकर ही वो यहां जाएंगे। उनका कहना था कि खेती का काम भी होगा। सरकार बात करेगी तो हमारा संयुक्त मोर्चा ही बात करेगा।

आंदोलन में कम होती संख्या पर टिकैत का कहना था कि ढाई घंटे की दूरी पर किसान बैठे हैं।उनसे कह दिया गया है कि ट्रैक्टर में डीजल भरवाकर रख लो। जब बुलाएं तो कूच कर देना। यूपी में पंचायत चुनाव के सवाल पर उनका कहना था कि चुनाव होते रहते हैं। इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता। टिकैत का कहना था कि अगर 40 फीसदी लोग भी वोट देंगे तो भी पंचायत तो चुन ही ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि अब आंदोलन का दायरा बढ़ाने पर विचार चल रहा है। किसानों की बैठकें महाराष्ट्र, गुजरात और बंगाल में भी होंगी। वहां की सरकार क्या कर रही है ये भी पता करेंगे। टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्राली मजबूत रखें, आंदोलन लगातार चलेगा। उनका कहना था कि एक नजर आंदोलन पर और एक नजर अपने खेत पर रखो।

उन्होंने किसानों से कहा कि जब भी विधायक गांवों में आएं तो उनसे पूछा जाए कि वह किसान आंदोलन के समर्थन में थे या नहीं। टिकैत ने गुजरात को लेकर कहा कि यह सूबा अभी बंधन में है। उसे भी आजाद कराना है। वहां के लोग यदि किसान आंदोलन में आना चाहते हैं तो उन्हें जेल में डाला जा रहा है। अभी भी 120 लोग जेल में हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार तानाशाही पर उतर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।