BKU के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पुलिस प्रशासन किसानों पर बल प्रयोग नहीं करना चाहता था, लेकिन उनके पीछे जो गुंडे थे, वो उनसे किसानों को पिटवाना चाहते थे। टिकैत का कहना था कि इस चीज को किसान बर्दाश्त नहीं करेगा।

राकेश टिकैत ने यह बात एक टीवी चैनल पर डिबेटके दौरान कही। उनसे सवाल किया गया था कि जब 26 जनवरी की हिंसा के बाद वह आंदोलन खत्म करने पर सहमत हो गए थे तो फिर वापस क्यों आ गए। एंकर का कहना था कि उनके एक पत्रकार मित्र ने संसद भवन में बताया कि राकेश टिकैत की सरकार से आंदोलन खत्म करने को लेकर डील हो गई थी। वह सहमत थे कि दिल्ली हिंसा के बाद आंदोलन को समाप्त कर दिया जाएगा।

किसान नेता ने कहा कि जब पुलिस प्रशासन के लोग गाजीपुर में आंदोलन खत्म कराने आए तो हमने केवल इतना कहा कि खाली करवाना है तो कागज दिखाओ। हम खाली नहीं करेंगे, आप गिरफ्तार करो। अगर आप चाहते हो तो लाठी चला के किसानों को गिराओ। टिकैत का कहना था कि प्रशासन किसान पर लाठी नहीं चला रहा था। वहां किराए के गुंडे थे। वो किसानों को गुंडों से पिटवाना चाहते थे, लेकिन इसे किसान बर्दश्त नहीं करेगा।

टिकैत ने कहा कि हम प्रदर्शन करने किसी के घर पर नहीं जा रहे हैं। उनकी हिम्मत कैसे हो गई कि वो किसानों पर गुंडों से हमला कराएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो हुआ, वह गलत था, लेकिन ऐसा होने किसने दिया। लाल किले तक किसानों को जाने किसने दिया। वह 35 साल से आंदोलन कर रहे हैं। जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाला हर आंदोलनकारी कहता है कि वो संसद का घेराव करेगा पर वहां तक कोई नहीं जा पाता। क्या सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि कोई संसद तक पहुंच जाए।

टिकैत ने कहा कि 12 घंटे पहले घोषणा की गई कि लाल किले पर जाएंगे और वो लाल किले तक पहुंच भी गए। उन्होंने मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि ये बकवास कर रहे हैं, ये क्या सुरक्षा करेंगे। अब ये साजिश के तहत पुलिस को फंसा रहे हैं। एंकर ने उसे सवाल किया कि आपके पास सबूत क्या है कि ये साजिश थी। टिकैत ने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने का रास्ता सरकार ने दिया। सरकार ने ही उन्हें लाल किले में घुसने दिया गया। दिल्ली पुलिस को इतना कमजोर कर दिया गया कि उन्हें रास्ता देना पड़ा।

किसान नेता ने कहा कि लाल किला मामले की जांच कराओ, लेकिन किस एजेंसी से जांच कराओगे। चैनल पर बंदूक का पहरा है। पत्रकार दिखाने की कोशिश करेगा तो नोटिस मिलेगा नहीं तो जेल में बंद कर देंगे। एंकर ने कहा कि आप चैनल पर लाइव हो। अगर हम दबाव में होते तो आप लाइव कैसे होते। आपके लोग भी पत्रकारों से बदसलूकी करते हैं।

टिकैत ने कहा कि दिल्ली के मकड़जाल में किसानों को फंसाकर ले जाया गया। उन रास्तों पर बेरीकेडिंग की गई, जिनसे किसानों को गुजरना था। पुलिस वाले सिविल ड्रेस में आगे चल रहे थे। ये अनपढ़ किसानों के खिलाफ साजिश है। उनका कहना था कि सरकार को चाहिए कि किसानों की समस्या पर बात करे। ये वही किसान हैं जिसने कोरोना काल में देश को भूख से नहीं मरने दिया। ये चीजे नहीं होनी चाहिए। सरकार बैठकर समस्या का समाधान निकाले।