केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 8वें दौर की बातचीत से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार को वापिस लेना ही पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। वे चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनों को वापिस ले और एमएसपी नियम को लागू करे। साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करे। इससे कम में किसान मानने वाले नहीं हैं। वहीं सरकार का कहना है कि वे कानून में संशोधन कर देगी। आज की मीटिंग में इन सब बातों पर चर्चा होगी।

टिकैत ने कहा,”किसानों ने सरकार तक ये बात पहुंची दी है कि उन्हें ये कानून नहीं चाहिए और इस कानून को खत्म किया जाए। जब एक कारोबारी तय कीमत से कम में फसल खरीदेगा तो हम उसके खिलाफ किस नियम के तहत शिकायत दर्ज कराएंगे।” आंदोलन को लेकर टिकैत ने कहा,” हमने अगले लोकसभा चुनाव तक के लिए रोड मैप तैयार कर रखा है। खेती के साथ साथ हम अपने इस आंदोलन को भी जिंदा रखेंगे।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारी कोरोना वायरस को लेकर सभी एहतियात बरत रहे हैं। टिकैत ने कहा,” हम प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। साथ ही साफ सफाई भी बरत रहे हैं। सरकार को भी नियमों का पालन करना चाहिए। बिहार चुनाव के दौरान कोरोना के नियमों का उल्लंघन किया गया।”

बता दें सरकार कानूनों की वापसी के सिवाय बाकी किसी भी शर्त को मानने को तैयार है जबकि किसान अपनी इसी मांग पर डटे हैं कि सरकार कानून वापिस ले। केंद्रीय मंत्री तोमर के साथ मंत्री पीयूष गोयल और मंत्री सोम प्रकाश भी सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर किसानों से बातचीत कर रहे हैं। वहीं किसानों की ओर से 40 किसान नेता सरकार से बातचीत कर रहे हैं।

आज दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में फिर से सरकार और किसान आपस में बातचीत करेंगे। पिछली मीटिंग बेनतीजा रहने के बाद आज उम्मीद की जा रही है कि कोई समाधान निकलेगा।