आजकल राकेश टिकैत किसान आंदोलन का चेहरा बने हुए हैं। गाजीपुर में उत्तरप्रदेश पुलिस के द्वारा जबरदस्ती धरना ख़त्म कराए जाने पर किसान नेता राकेश टिकैत रोने लगे थे। राकेश टिकैत के रोने के बाद से माना यह जा रहा है कि किसान आंदोलन में दोबारा से जान आ गयी है। इसी बीच टीवी चैनल पर एक कार्यक्रम में जब एंकर ने राकेश टिकैत से पूछा कि आपने चुनाव भी लड़ा था? जवाब में टिकैत ने कहा कि हां जमानत जब्त हो गयी थी। हालाँकि इस दौरान राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन में आ रहे पैसे को लेकर उठ रहे सवाल का भी जवाब दिया।
दरअसल आजतक चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में एंकर प्रभु चावला ने राकेश टिकैत से पूछा कि आपने दो बार चुनाव भी लड़ा। जिसपर जवाब देते हुए टिकैत ने कहा कि हां दोनों बार हारा और जमानत भी जब्त हुई। उसके बाद प्रभु चावला ने पूछा कि आपने किस पार्टी से चुनाव लड़ा था। टिकैत ने आगे जवाब देते हुए कहा कि एक बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरी बार आरएलडी से चुनाव लड़ा था। बाद में विचारधारा के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हर आदमी की विचारधारा अपनी अपनी होती है. इस देश में हर आदमी पोलिटिकल है। अगर कोई पोलिटिकल नहीं है तो उससे खतरनाक कुछ भी नहीं है। हालाँकि राकेश टिकैत ने अगले साल होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की किसी भी तरह की संभावनाओं से इंकार कर दिया।
इसके अलावा जब राकेश टिकैत से यह पूछा गया कि आंदोलन में पैसा कहाँ से आ रहा है तो उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तो दाल रोटी पर चल रहा है। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि मैंने तो अपने गाँव में कह दिया है कि जितना रोटी मैं खाता हूँ उतना अनाज आप मुझे यहाँ भिजवा दो। यहाँ तो वैसे भी टेंट और पन्नी लगे हुए हैं।
आपको बता दूँ कि राकेश टिकैत ने पहली बार 2007 में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उसके बाद उन्होंने 2014 में अमरोहा से राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के सिंबल लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन दोनों ही चुनाव में राकेश टिकैत को करारी हार का सामना करना पड़ा था।