2024 लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव ने भी कई मुद्दों को सेट करने का काम कर दिया है। अब जो इंडिया गठबंधन वो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था, उस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है कि सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा, कर्म करना पड़ेगा।

राकेश टिकैत का पीएम पर वार

उन्होंने नूंह हिंसा पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव आ रहे हैं, इसलिए ये सब हो रहा है। उन्होंने साफ कर दिया है कि ऐसी घटनाएं सिर्फ और सिर्फ चुनावी मौसम में होती हैं। उनकी तरफ से ये भी कहा गया कि जब पीएम मोदी ही हर मुद्दे पर बोलते हैं तो मणिपुर हिंसा पर भी उन्हीं को जवाब देना चाहिए। जब राकेश टिकैत से पूछा गया कि चुनाव में उनके क्या मुद्दे रहने वाले हैं, तो उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को फसल का सही रेट मिले, यहीं जरूरी है। उनके मुताबिक वर्तमान राजनीति धर्म-जाति पर ज्यादा आधारित हो गई है।

क्यों सुर्खियों में जयंत चौधरी?

इस समय जयंत चौधरी की राजनीति भी चर्चा में चल रही है। कभी कहा जाता है कि वे इंडिया गठबंधन का हिस्सा है तो कभी कहा जाता है कि वे एनडीए के साथ फिर जा सकते हैं। इन चर्चाओं पर राकेश टिकैत ने कहा कि अब क्या ही पता, कई लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जिसको जो ठीक लगता है, वो वहीं काम करता है। अब इस समय जयंत चौधरी कई कारणों से खबर में चल रहे हैं। एक तरफ क्योंकि दिल्ली सेवा बिल के पारित होने के समय वे राज्यसभा में मौजूद नहीं रहे, वहीं दूसरी तरफ ऐसी भी चर्चा रही कि उन्होंने रामदास अठावले से मुलाकात की।

ये अलग बात है कि आरएलडी ने उन तमाम अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। जोर देकर कहा गया है कि वे इंडिया गठबंधन का ही हिस्सा हैं। इसके अलावा ये भी बताया गया है कि मुंबई में होने वाली विपक्ष की अगली बैठक में जयंत भी शामिल होने जा रहे हैं।