राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) और 80(3) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए देश की चार जानी-मानी हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गृह मंत्रालय द्वारा 12 जुलाई 2025 को जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह नामांकन राज्यसभा की चार खाली सीटों को भरने के लिए किया गया है।

नामांकित चारों सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं। ये हैं – वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता उज्जवल देवराव निकम (Ujjwal Deorao Nikam), केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर (C. Sadanandan Master), पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) और प्रख्यात इतिहासकार व शिक्षाविद डॉ. मीनाक्षी जैन (Dr. Meenakshi Jain)।

उज्ज्वल निकम : कानून की दुनिया का जाना-माना नाम

उज्ज्वल निकम देश के सबसे प्रसिद्ध आपराधिक वकीलों में गिने जाते हैं। उन्होंने 1993 मुंबई ब्लास्ट, 26/11 मुंबई आतंकी हमला, प्रिया दत्त अपहरण कांड और नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया है। उनकी कानूनी सूझ-बूझ और दृढ़ता ने उन्हें न्याय व्यवस्था का मजबूत स्तंभ बना दिया है।

सी. सदानंदन मास्टर : साहस और समाज सेवा का प्रतीक

केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई से जुड़े हैं। वे शिक्षा और सामाजिक समानता के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं। वर्ष 1994 में, उन पर हमला हुआ था जिसमें उनके दोनों पैर काट दिए गए थे। इसके बावजूद उन्होंने सामाजिक कार्य जारी रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए लिखा कि उनका जीवन साहस और अन्याय के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सदानंदन मास्टर की कहानी देश के युवाओं को प्रेरित करेगी।

हर्षवर्धन श्रृंगला : भारत की विदेश नीति के अनुभवी रणनीतिकार

पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला एक वरिष्ठ राजनयिक रहे हैं। उन्होंने 2020 से 2022 तक विदेश सचिव और 2019-2020 के दौरान अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। वे ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में भी प्रमुख भूमिका में थे। इसके अलावा, उन्होंने भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान मुख्य समन्वयक की भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि श्रृंगला का अनुभव और रणनीतिक सोच संसद में बहुमूल्य योगदान देगा।

डॉ. मीनाक्षी जैन : इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ

डॉ. मीनाक्षी जैन एक प्रसिद्ध इतिहासकार, शिक्षाविद और लेखिका हैं। वे भारतीय इतिहास, परंपराओं और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में लंबे समय से शोध कर रही हैं। उन्होंने कई पुस्तकों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक पहचान को नया दृष्टिकोण देने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके नामांकन को भारतीय ज्ञान परंपरा की मान्यता बताया है और उनके संसदीय कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

संविधान के अनुच्छेद 80 में प्रावधान है कि राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 ऐसे सदस्यों को नामित कर सकते हैं जो साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या अनुभव रखते हों। यह कदम संसद को विविध क्षेत्रों की विशेषज्ञता से समृद्ध करता है। चारों नामांकनों को भी इसी सोच का विस्तार माना जा रहा है। यह केवल प्रतिष्ठा की बात नहीं, बल्कि संसद में विशेषज्ञता और विविधता लाने का प्रयास है, जिससे देश की नीतियाँ अधिक समावेशी और व्यावहारिक बन सकें।