ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के झटके से कांग्रेस अभी उबरी भी नहीं है कि राजस्थान में भी पार्टी में कलह होती दिखाई दे रही है। दरअसल राजस्थान से पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए जिस नेता के नाम का ऐलान किया है, उस पर पार्टी में कई नेताओं ने आपत्ति दर्ज करायी है और पार्टी नेता खुलकर इसके खिलाफ बोल रहे हैं।
बता दें कि राजस्थान से कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए दो उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। जिनमें एक केसी वेणुगोपाल हैं और दूसरे नीरज डांगी का नाम शामिल है। विवाद नीरज डांगी के नाम को लेकर है। नीरज डांगी दलित नेता हैं और सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। दरअसल नीरज डांगी तीन बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।
पार्टी के एक विधायक ने इसके खिलाफ आवाज उठायी है। राजस्थान के कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का कहना है कि ‘विधानसभा में इस बात की चर्चा है कि क्या वह अकेले अनुसूचित जाति के उम्मीदवार हैं क्या? वह तीन चुनाव हार चुके हैं इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया!’
नीरज डांगी राजस्थान के देसुरी से एक बार और रेओदर से दो बार चुनाव हार चुके हैं। हालांकि वह पार्टी के महासचिव हैं। कांग्रेस नेताओं ने नीरज डांगी की उम्मीदवारी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या किसी ताकतवर व्यक्ति का करीबी होने से कांग्रेस में टिकट पाया जा सकता है। हम अपने कैडर को ये क्या संदेश दे रहे हैं? नीरज डांगी के पिता कई बार विधायक रह चुके हैं। आरोप है कि डांगी का पार्टी में कोई खास योगदान भी नहीं है।
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस ने पहले गहलोत के करीबी और ज्वैलर राजीव अरोरा को अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने राजीव अरोरा को उम्मीदवार बनाने के लिए हरी झंडी नहीं दी। जिसके बाद नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया गया। राज्यसभा के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है और नामांकन की आखिरी तारीख 13 मार्च थी।