जनता दल (एस) के संरक्षक एच डी देवेगौड़ा ने मंगलवार को कर्नाटक से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनावों के लिये पर्चा दाखिल किया। 19 जून को राज्यसभा चुनाव होना है। पूर्व प्रधानमंत्री के साथ इस मौके पर उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना, प्रदेश जद एस अध्यक्ष एच के कुमारस्वामी और अन्य मौजूद थे ।
देवेगौड़ा ने अपना पर्चा विधानसभा सचिव एम के विशालाक्षी के समक्ष दाखिल किया क्योंकि वह राज्यसभा चुनाव के लिये निर्वाचन अधिकारी नियुक्त की गई हैं। जनता दल(एस) ने सोमवार को देवेगौड़ा को पार्टी का राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया था।
इस निर्णय की घोषणा करते हुये कुमारस्वामी ने कहा था कि देवेगौड़ा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विभिन्न राष्ट्रीय नेताओं एवं पार्टी विधायकों के आग्रह के बाद राज्य सभा चुनाव लड़ने के लिये तैयार हुये हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिये उन्हें तैयार करना आसान काम नहीं था ।
कर्नाटक विधानसभा में पार्टी के पास 34 सीट है और अकेले अपने दम पर चुनाव जीतने की स्थिति में पार्टी नहीं है और यह चुनाव जीतने के लिये उसे कांग्रेस की मदद की आवश्यकता होगी। एक उम्मीदवार को जीतने के लिये कम से कम 45 वोट की आवश्यकता है। देवेगौड़ा अगर जीतते हैं तो राज्यसभा का यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा। इससे पहले वह 1996 में राज्यसभा गये थे जब वह प्रधानमंत्री बने थे। पिछले साल हुये आम चुनाव में देवेगौड़ा प्रदेश के तुमकुर लोकसभा सीट से भाजपा के जी एस वासवराज से 13 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गये थे।
वहीं देवेगौड़ा को समर्थन देने के मुद्दे पर जब कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि “हमने एक प्रत्याशी राज्यसभा के लिए उतारने का फैसला किया है। हमारी पार्टी के नेता तय करेंगे कि बाकी बचे हुए कांग्रेस विधायक किसे वोट देंगे।” कांग्रेस ने कर्नाटक से अपने वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि बाकी बचे हुए विधायक देवेगौड़ा के समर्थन में वोट कर सकते हैं।
वहीं भाजपा ने कर्नाटक से एरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती के नाम का ऐलान किया है। बता दें कि पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश ईकाई की अनशंसा को नजरअंदाज करके इन दोनों नेताओं को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।