गुजरात में राज्यसभा चुनाव रोमांचक हो गया है। दरअसल भाजपा ने नरहरि अमीन तीसरे उम्मीदवार के रुप में चुनाव मैदान में उतार दिया है। नरहरि अमीन पूर्व कांग्रेसी हैं और साल 2012 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। नरहरि अमीन गुजरात के कद्दावर पाटीदार नेता माने जाते हैं। कांग्रेस पार्टी में भी उनका खासा प्रभाव था, यही वजह है कि भाजपा ने नरहरि अमीन को चुनाव मैदान में उतारकर क्रास वोटिंग की आशंका बढ़ा दिया है।
गुजरात में साल 1974 में भ्रष्टाचार के खिलाफ नवनिर्माण आंदोलन हुआ था। नरहरि अमीन इस आंदोलन के बड़े चेहरों में से एक थे। अमीन गुजरात में कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। 2012 में कांग्रेस द्वारा टिकट दिए जाने से इंकार के बाद अमीन भाजपा में शामिल हो गए थे।
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें है, जिनमें से भाजपा के पास 103 और कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं। ऐसे में आंकड़ों को देखते हुए गुजरात की चार राज्यसभा सीटों में से दो-दो सीटें भाजपा और कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। लेकिन भाजपा ने नरहरि अमीन को भी नामांकन कराकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
बता दें कि भाजपा ने अभय भारद्वाज और रामिलाबेन बारा को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन भाजपा ने चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन यानि कि बीते शुक्रवार को नरहरि अमीन को भी पर्चा भरवा दिया।
अपनी दोनों सीटें जीतने के बाद भाजपा के पास 29 अतिरिक्त वोट बचेंगे। अमीन को पर्चा भरवाकर भाजपा ने साफ संकेत दिए हैं कि पार्टी राज्य से तीसरी सीट पाने के लिए गंभीर है। हालांकि कुछ क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन मिलने के बाद भी भाजपा को जीत के लिए 4 अन्य वोटों की भी जरूरत होगी, ऐसे में चुनाव रोमांचक होने के पूरे आसार हैं।
गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस के चार विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में नरहरि अमीन के राज्यसभा पहुंचने के आसार बढ़ गए हैं। बता दें कि राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। गुजरात में 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में भी मुकाबला काफी रोमांचक हुआ था।

