मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत ने निस्संदेह ‘‘बहुमत और अल्पमत’’ के मुद्दे का निपटारा कर दिया है। उन्होंने यह बात कांग्रेस नीत विपक्ष पर हमला करते हुए कही जो चार मंत्रियों सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के नौ सदस्यों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने मणिपुर से एकमात्र राज्यसभा सीट पर विजयी हुए भाजपा उम्मीदवार लीशेम्बा सनाजाओबा को बधाई देते हुए कहा, ‘‘जीत यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि कौन सी पार्टी बहुमत में है और कौन सी पार्टी अल्पमत में है।’’
सनाजाओबा ने 28 मत प्राप्त कर राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस के उनके प्रतद्वंद्वी टी मांगी बाबू को 24 वोट मिले। 60 सदस्यीय विधानसभा में आठ विधायकों ने मतदान नहीं किया। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार रात सनाजाओबा से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहुमत और अल्पमत के मुद्दे पर आगे फिर से चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’
मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के कुछ ही घंटे बाद भाजपा के एक विधायक कोविड—19 संक्रमित पाये गये। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने पार्टी की अन्य बैठकों में भी भाग लिया। विधायक की पत्नी भी कोरोना वायरस संक्रमित पायी गयी हैं। मध्यप्रदेश की तीन सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था और इसमें 206 विधायकों ने वोट डाला था।
दंपति की रिपोर्ट शुक्रवार रात को आई थी । इन विधायक के संक्रमित पाये जाने की खबर फैलने पर अन्य विधायकों में डर समा गया है कि संपर्क में आने के चलते उन्हें भी यह महामारी हो सकती है। इसलिए कुछ विधायक कोरोना वायरस की जांच करवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई—भाषा’ को बताया, ”एक निजी प्रयोगशाला की जांच में विधायक एवं उनकी पत्नी कोविड—19 संक्रमित पाये गये हैं। हम उनकी स्थिति की जांच कर रहे हैं और इसके बाद निर्णय लेंगे कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना है या घर में ही पृथक-वास करना है।”
उन्होंने कहा कि विधायक को किसके संपर्क में आने से कोरोना वायरस संक्रमण हुआ, हम उसका पता लगा रहे हैं। अधिकारी ने बताया, ”उनकी दोबारा जांच की जा रही है।” मध्यप्रदेश में यह दूसरे विधायक हैं, जो कोविड—19 संक्रमित पाये गये हैं।
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उधर, गुजरात में भाजपा ने चार में से तीन सीटों पर कब्जा जमाकर कांग्रेस से 2017 के राज्यसभा चुनाव में मिली हार का बदला चुका लिया है। बता दें कि 2017 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा के बलवंत सिंह राजपूत को हराकर कांग्रेस के अहमद पटेल ने करीबी मुकाबले में जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा ने अपनी रणनीति मजबूत करते हुए राज्य की चार में से तीन सीट पर जीत दर्ज की और कांग्रेस को जहां पहले दो सीटें मिलने की उम्मीद थी, वहां उसे एक सीट से ही संतोष करना पड़ा।
राज्यसभा चुनाव खत्म होने के बाद एनडीए उच्च सदन में मजबूत होकर उभरी है। राज्यसभा में अब एनडीए के 101 सांसद हो गए हैं। हालांकि बहुमत के आंकड़े से वह अभी भी दूर है और राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए एनडीए को अभी भी 22 सीटों की जरुरत है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के पास 65 सांसद हैं।
गुजरात में भाजपा राज्यसभा की चार में से तीन सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को एक सीट पर ही जीत मिली है। इससे पहले दोनों पार्टियों के गुजरात में दो दो सीट जीतने की उम्मीद थी लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा है।
राजस्थान में कांग्रेस ने तीन में से दो सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। वहीं भाजपा के राजेंद्र गहलोत भी राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रहे। हालांकि पार्टी के दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत को हार का सामना करना पड़ा है।


राज्य सभा चुनाव में आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने 17, कांग्रेस ने नौ, भाजपा के सहयोगी जद(यू) ने तीन, बीजद और तृणमूल कांग्रेस ने चार-चार, अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने तीन-तीन, राकांपा, राजद और टीआरएस ने दो-दो और शेष सीटें अन्य ने जीतीं।
कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस ने चार-चार सीटों और तीन अन्य ने जीत दर्ज की। मध्य प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस के कई विधायकों के दलबदल के कारण भाजपा ने अपनी संख्या के बल पर कुछ और सीटें जीतीं।
भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के सदस्यों की संख्या अब 245 सदस्यीय सदन में लगभग 100 पहुंच गई है। यदि अन्नाद्रमुक (09), बीजद (09), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (06) जैसे दलों का समर्थन और कई संबद्ध नामांकित सदस्यों का समर्थन गिना जाता है तो मोदी सरकार के समक्ष वहां किसी गंभीर संख्यात्मक चुनौती का सामना करने की चुनौती नहीं है।
चुनाव आयोग ने 61 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव कराने की घोषणा की थी जिनमें से 55 सीटों पर मार्च में चुनाव होना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के संपन्न होने के साथ उच्च सदन में विपक्ष के मुकाबले भाजपा नीत राजग की शक्ति और बढ़ गई है तथा भगवा दल के पास राज्यसभा में अब 86 सीटें और कांग्रेस के पास महज 41 सीटें हैं।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को उच्च सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों से कहा कि वे अगले छह साल में देश के बदलाव में योगदान के लिए मिले अवसर का सदुपयोग करें।
गुजरात में शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस ने एक सीट जीती। कांग्रेस की ओर से दो भाजपा विधायकों के वोट को अमान्य करार देने की मांग करने के कारण मतगणना में देरी हुई। चुनाव आयोग ने इस मांग को खारिज करते हुए चुनाव पर्यवेक्षक की ओर से दी गई रिपोर्ट को बरकरार रखा। गुजरात के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी अशोक मानेक ने कहा, '' भाजपा के अभय भारद्वाज, रामिलाबेन बारा और नरहरि अमीन के अलावा कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल विजयी हुए।'' वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार भरत सिंह सोलंकी चुनाव हार गए। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा, '' हमारे उम्मीदवार अभय भारद्वाज और रामिलाबेन बारा को 36-36 वोट मिले और तीसरे उम्मीदवार अमीन को पहली वरीयता में 32 वोट मिले और दूसरी वरीयता के मतों को मिलाकर 35.98 वोट मिले।''
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को उच्च सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों से कहा कि वे अगले छह साल में देश के बदलाव में योगदान के लिए मिले अवसर का सदुपयोग करें। नायडू ने नये सदस्यों से कहा कि राज्यसभा का सदस्य बनना सम्मान की बात है। यह सदन देश में कानून बनाने और शासन का मार्ग दर्शाने वाले संघवाद के सिद्धांत पर स्थापित है। देश के 20 राज्यों से नव-निर्वाचित 61 सदस्यों के लिए ट्विटर पर अपने संदेश में नायडू ने लिखा, ‘‘करीब 20 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले और निर्दलीय 61 सदस्य हमारे राजतंत्र की विविधता को रेखांकित करते हैं और हमारी एकता के प्रति दृढ़संकल्प की भावना को भी।’’
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के संपन्न होने के साथ उच्च सदन में विपक्ष के मुकाबले भाजपा नीत राजग की शक्ति और बढ़ गई है तथा भगवा दल के पास राज्यसभा में अब 86 सीटें और कांग्रेस के पास महज 41 सीटें हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के सदस्यों की संख्या अब 245 सदस्यीय सदन में लगभग 100 पहुंच गई है। यदि अन्नाद्रमुक (09), बीजद (09), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (06) जैसे दलों का समर्थन और कई संबद्ध नामांकित सदस्यों का समर्थन गिना जाता है तो मोदी सरकार के समक्ष वहां किसी गंभीर संख्यात्मक चुनौती का सामना करने की चुनौती नहीं है। चुनाव आयोग ने 61 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव कराने की घोषणा की थी जिनमें से 55 सीटों पर मार्च में चुनाव होना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हुई। पहले ही 42 सदस्य निर्विरोध चुने गये थे और शुक्रवार को 19 सीटों पर हुए चुनाव में से भाजपा ने आठ सीटों, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस ने चार-चार सीटों और तीन अन्य ने जीत दर्ज की।
केरल कांग्रेस के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा के खिलाफ अपनी टिप्पणी पर शनिवार को कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और माफी मांगने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि शैलजा ‘‘कोविड रानी’’ का तमगा हासिल करने का प्रयास कर रही हैं। केपीसीसी अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि निपाह वायरस फैलने के दौरान शैलजा ने कोझिकोड में ‘अतिथि कलाकार’ के तौर पर डेरा डाला था और ‘निपाह राजकुमारी’ बनने के प्रयास में थीं। माकपा ने बयान को लिंगभेदी बताया था और उनसे बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा था। बयान पर विवाद छिड़ने के एक दिन बाद रामचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने जो कहा है वह सही है। मैं अपने शब्दों पर कायम हूं और किसी का अपमान नहीं किया है।’’
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को उच्च सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों से कहा कि वे अगले छह साल में देश के बदलाव में योगदान के लिए मिले अवसर का सदुपयोग करें। नायडू ने नये सदस्यों से कहा कि राज्यसभा का सदस्य बनना सम्मान की बात है। यह सदन देश में कानून बनाने और शासन का मार्ग दर्शाने वाले संघवाद के सिद्धांत पर स्थापित है। देश के 20 राज्यों से नव-निर्वाचित 61 सदस्यों के लिए ट्विटर पर अपने संदेश में नायडू ने लिखा, ‘‘करीब 20 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले और निर्दलीय 61 सदस्य हमारे राजतंत्र की विविधता को रेखांकित करते हैं और हमारी एकता के प्रति दृढ़संकल्प की भावना को भी।’’
मिजोरम में शुक्रवार को राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए मतदान में भाजपा के एकमात्र विधायक ने मतदान में भाग नहीं लिया, जिसके चलते राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी एमएनएफ की उम्मीदवारी त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई। इस पर मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि गठबंधन मुद्दों पर आधारित है और उनकी पार्टी को उभरते मामलों पर 'हां अथवा नहीं' कहने का अधिकार है।
राज्य में भाजपा विधायक के अलावा सभी विधायकों ने मतदान किया। एमएनएफ ने पार्टी की राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्य के कंलालवेना को उम्मीदवार बनाया जबकि जोराम पीपुल्स मूवमेंट ने बी लालचानंजोवा और कांग्रेस के ललियनचुंगा को मैदान में उतारा है।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी दो सीटें और कांग्रेस एक सीट जीत गई है। यहां से भाजपा के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी राज्यसभा पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस के दिग्विजय सिंह एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया को हार का सामना करना पड़ा।
मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। बता दें कि सकलेचा शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने भी पहुंचे थे। अब उनके संपर्क में आने वाले विधायकों का टेस्ट किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और वह राज्यसभा चुनाव में पीपीई किट पहनकर वोट डालने पहुंचे थे।
राज्यसभा की 19 सीटों के लिए शुक्रवार को जो मतदान हुआ, उसके परिणाम देखें तो बीजेपी को कोई फायदा नहीं हुआ है। वहीं यूपीए को पांच सीटों पर जीत मिली है। भाजपा ने राज्यसभा में दो सीटें गवांयीं थी, जिनकी भरपाई उसने झारखंड और मणिपुर में एक-एक सीट जीतकर कर ली है।
झारखंड की दो राज्यसभा सीटों में से एक सीट पर भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब रही। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पहली बार राज्यसभा पहुंचे। वहीं दूसरी सीट पर जेएमएम नेता शिबू सोरेन ने जीत दर्ज की। मणिपुर की एक राज्यसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार जीते।
भाजपा और कांग्रेस के अलावा टीएमसी राज्यसभा चुनाव में अपनी चार सीटें पाने में कामयाब रही। टीएमसी के चार सांसद ही रिटायर हुए थे। इसी तरह एनसीपी दो सीटें, राजद दो सीटें और शिवसेना एक सीट पाने में कामयाब रही।
राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भाजपा की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया उच्च सदन पहुंचे हैं। वहीं विपक्ष से एचडी देवेगौड़ा, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह और शिबू सोरेन प्रमुख हैं।
आंध्र प्रदेश की चारों राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। वहीं मणिपुर में सत्तारुढ़ भाजपा के लिसेम्बा सानाजाओबा ने इकलौती सीट पर जीत दर्ज की है।
मध्य प्रदेश में भाजपा को दो सीटों पर और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। वहीं राजस्थान में कांग्रेस को दो सीट और भाजपा को एक सीट पर जीत मिली है। आंध्रप्रदेश से राज्यसभा के चार सीटों पर सत्तारूढ़ वाइएसआर कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली है। झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों में से एक पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और दूसरी पर भाजपा उम्मीदवार दीपक प्रकाश ने जीत दर्ज की। मध्य प्रदेश में विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा को दो सीटें और कांग्रेस को एक सीट मिलना तय माना जा रहा था। भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को जीत मिली है। दिग्विजय सिंह सबसे अधिक वोटों से चुने गए हैं। दिग्विजय लगातार दूसरी बार मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। राजस्थान में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल व प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेंद्र गहलोत निर्वाचित हुए हैं।
भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन आदि वे चर्चित चेहरे रहे, जिन्हें शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल हुई है। खबर लिखे जाने तक आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों में 15 के नतीजे घोषित किए जा चुके थे। गुजरात की चार सीटों पर पेच फंसा हुआ था। कांग्रेस ने भाजपा के दो विधायकों के वोट रद्द किए जाने की मांग की है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश की तीन, गुजरात की चार, राजस्थान की तीन, आंध्र प्रदेश की चार, झारखंड की दो एवं पूर्वोत्तर के मणिपुर, मेघायल और मिजोरम की एक-एक सीटों के लिए चुनाव कराए गए।
मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस (एमडीए) के उम्मीदवार डॉ. डब्ल्यू आर खरलुखी ने शुक्रवार मेघालय से कांग्रेस उम्मीदवार कैनेडी खैरेम को हराकर राज्यसभा सीट जीत ली।
कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल व नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेंद्र गहलोत राजस्थान से राज्यसभा के नये सदस्य होंगे। राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए शुक्रवार को हुए द्विवार्षिक चुनाव में इन तीनों ने जीत दर्ज की। भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत थे, जो चुनाव हार गए।
शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने ट्वीट कर बताया कि बीजेपी ने मणिपुर में 28 वोटों के साथ राज्यसभा की एकमात्र सीट पर जीत हासिल की है। यहां कांग्रेस उम्मीदवार को सिर्फ 24 वोट मिले।
झारखंड से भाजपा के दीपक प्रकाश तथा झामुमो के शिबू सोरेन राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित किये गये। चुनावों में जहां भाजपा के दीपक प्रकाश को सर्वाधिक 31 मत मिले वहीं झामुमो मुखिया शिबू सोरेन को 30 मत प्राप्त हुए। पराजित कांग्रेस उम्मीदवार शहजादा अनवर को सिर्फ 18 मत प्राप्त हुए।
राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में 43 उम्मीदवारों के पहली बार उच्च सदन के सदस्य बनने के आसार हैं। राज्यसभा के शोध प्रभाग के अनुसार कुल निर्वाचित होकर आने वाले सदस्यों में से पहली बार पहुंचे सदस्यों की संख्या 72 प्रतिशत हो सकती है। राज्यसभा सचिवालय के शोध प्रभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिर्फ 12 सेवानिवृत्त सदस्य फिर से निर्वाचित हो रहे हैं जबकि सात ऐसे सदस्य निर्वाचित हुए हैं जो अतीत में सदस्य थे। इसके साथ ही राज्यसभा के सदस्यों का सामूहिक अनुभव केवल 63 कार्यकालों का रह जाएगा। बीस राज्यों की 61 सीटों के लिए 42 लोग पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इनमें 28 पहली बार उच्च सदन के सदस्य बन रहे हैं। शेष 19 रिक्त पदों के परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। उनमें से 15 उम्मीदवारों के पहली बार राज्यसभा पहुंचने की संभावना है।
गुजरात में राज्य सभा की चार सीटों के लिये मतों की गिनती में शुक्रवार को देरी हुई क्योंकि कांग्रेस की मांग थी कि निर्वाचन आयोग विभिन्न आधार पर भाजपा के दो मतों को अमान्य करार दे। नेता विपक्ष प्रकाश धनानी ने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा विधायक केसरीसिंह सोलंकी और मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा द्वारा डाले गए मतों को रद्द करने की मांग की है। धनानी ने कहा, “जब तक मतगणना को लेकर हमारी शिकायतों को नहीं देखा जाता,मतगणना शुरू नहीं होगी। मतदान के बाद हमने अपनी आपत्ति यहां निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि को सौंपी।” एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि कहा कि निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक ने विपक्षी दल की आपत्ति को खारिज कर दिया है और मामले पर अंतिम फैसले के लिये उसे आयोग के दिल्ली कार्यालय को संदर्भित किया है।
मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा ने अपनी दो सीटें बरकरार रखी हैं, जबकि एक सीट कांग्रेस ने जीती है। राज्यसभा के लिए भाजपा के निर्वाचित उम्मीदवारों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रोफेसर सुमेर सिंह सोलंकी शामिल हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सबसे अधिक वोटों से चुने गये हैं। दिग्विजय लगातार दूसरी बार मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।
इस चुनाव में इन तीनों के अलावा कांग्रेस के उम्मीदवार वरिष्ठ दलित नेता फूल सिंह बरैया भी मैदान में थे, लेकिन वह हार गये। मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव के लिए विधानसभा परिसर में शुक्रवार को मतदान हुआ था। इस चुनाव में कुल 206 मत पड़े। इनमें से दिग्विजय को 57 मत मिले, जबकि सिंधिया को 56, सोलंकी को 55 एवं बरैया को मात्र 36 मत प्राप्त हुए।
झारखंड से भाजपा के दीपक प्रकाश तथा झामुमो के शिबू सोरेन राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित किये गये। चुनावों में जहां भाजपा के दीपक प्रकाश को सर्वाधिक 31 मत मिले वहीं झामुमो मुखिया शिबू सोरेन को 30 मत प्राप्त हुए। पराजित कांग्रेस उम्मीदवार शहजादा अनवर को सिर्फ 18 मत प्राप्त हुए।
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने उम्मीद के मुताबिक आंध्रप्रदेश में राज्यसभा की चारों सीटों पर शुक्रवार को जीत हासिल कर ली । विधानसभा के सूत्रों के मुताबिक वाईएसआर कांग्रेस से उपमुख्यमंत्री पिल्ली सुभाष चंद्र बोस, मंत्री मोपिदेवी वेंकटरमन, उद्योगपति परिमल नाथवानी और रियल इस्टेट कारोबारी अयोध्या रामी रेड्डी विजयी रहे। सभी को 38-38 वोट मिले । संख्या नहीं होने के बावजूद मुकाबले में उतरी विपक्षी तेलगू देशम पार्टी के उम्मीदवार वर्ला रामैया को विधानसभा में 23 की संख्या रहने के बावजूद 17 वोट मिले ।
कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल व नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेंद्र गहलोत राजस्थान से राज्यसभा के नये सदस्य होंगे। राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए शुक्रवार को हुए द्विवार्षिक चुनाव में इन तीनों ने जीत दर्ज की। भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत थे, जो चुनाव हार गए। राजस्थान से राज्यसभा के लिये कुल 10 सीटे हैं। आज के चुनाव परिणाम के बाद सात सीटें भाजपा व तीन सीट कांग्रेस के खाते में आ गयी हैं। कांग्रेस की ओर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी राज्यसभा में भेजे गए हैं। सिंह पिछले वर्ष भाजपा के मदन लाल सैनी के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर निर्विरोध चुने गये थे।
कांग्रेस ने पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यहां से राज्यसभा के लिए चुना था। भाजपा के राज्यसभा सदस्य विजय गोयल, नारायण पंचारिया व रामनारायण डूडी का कार्यकाल नौ अप्रैल को पूरा होने के बाद यह चुनाव हुए हैं। चुनाव पहले 26 मार्च को होना था, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण महामारी को देखते हुए इसे टाल दिया गया।
मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा को दो सीटें एवं कांग्रेस को एक सीट मिली। भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रोफेसर सुमेर सिंह सोलंकी निर्वाचित हुए, जबकि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह पुन: राज्यसभा के लिए चुने गये।
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान एक कांग्रेसी विधायक ने पीपीई किट में वोट डाला। दरअसल कांग्रेसी विधायक वाजिब अली हाल ही में ऑस्ट्रेलिया से लौटे थे और अपने घर में होम क्वारंटीन थे। चुनाव अधिकारी ने विधायक को पोस्टल बैलेट से वोट देने से मना कर दिया। जिसके बाद कांग्रेसी विधायक पीपीई किट पहनकर विधानसभा पहुंचे और अपना वोट दिया। भाजपा ने इसका विरोध किया है।
उधर, गुजरात में बीजेपी के तीन विधायक प्रॉक्सी वोट करेंगे। इनमें केसरी सिंह सोलंकी, पुरुषोत्तम सोलंकी और शामूभूजी ठक्के शामिल हैं। गुजरात में कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल को प्रथम कैंडिडेट बनाया है जबकि भरत सिंह सोलंकी को दूसरा कैंडिडेट बनाया है। गोहिल की राह तो आसान दिख रही मगर सोलंकी को जीतने के लिए एड़ी चोटी एक करना होगा।
आंध्र प्रदेश में तेदेपा के दो विधायक आज राज्यसभा वोटिंग में शामिल नहीं हुए। जो दो विधायक राज्यसभा वोटिंग में शामिल नहीं हुए उनमें के.अतचानायडू और अंगानी सत्या प्रसाद का नाम शामिल है।
गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोट नहीं दिया। हालांकि भाजपा और कांग्रेस की तरफ से बीटीपी के दो विधायकों को अपने अपने पाले में खींचने की कोशिशें होती रहीं। लेकिन दोनों विधायक आदिवासी कल्याण के लिए दोनों पार्टियों से लिखित आश्वासन की मांग रखी थी। ऐसा नहीं होने पर दोनों विधायकों ने वोट नहीं करने का फैसला किया।
कांग्रेस नेता और राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट राज्यसभा चुनाव में जीत के प्रति आश्वस्त हैं। पायलट ने कहा कि हमारी पार्टी के दोनों उम्मीदवार जीत दर्ज करेंगे।
राज्यसभा सचिवालय के एक विश्लेषण के अनुसार, कई बड़े नेता इस बार पहली बार राज्यसभा पहुंच सकते हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे, एम.थंबी दुरई, केसी वेणुगोपाल, केआर सुरेश रेड्डी का नाम शामिल है।
गुजरात में एनसीपी विधायक कंधाल जडेजा ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोट देने जाते वक्त दावा किया कि वह पार्टी लाइन के मुताबिक ही वोट करेंगे। हालांकि भाजपा का दावा है कि जडेजा भाजपा उम्मीदवार को वोट देंगे। गौरतलब है कि कल भाजपा विधायकों की बैठक में भी एनसीपी विधायक कंधाल जडेजा मौजूद रहे थे।
टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में राज्यसभा चुनाव के लिए वोट डाला। बता दें कि राज्य में चार राज्यसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है।
गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए कांटे की टक्कर को देखते हुए भाजपा ने भारतीय ट्राइबल पार्टी के चीफ छोटूभाई वसावा को लुभाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। कांग्रेस भी बीटीपी के विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि छोटूभाई वसावा ने अभी तक वोटिंग से गैरहाजिर रहने का फैसला किया हुआ है। भारतीय ट्राइबल पार्टी के गुजरात विधानसभा में दो विधायक हैं। बीटीपी के दोनों विधायकों का कहना है कि उन्हें लिखित में चाहिए कि आदिवासी जनता के हित में काम किए जाएंगे। लिखित में आश्वासन मिलने के बाद ही वह किसी पार्टी को अपना समर्थन देंगे।