Old Rajendra Nagar: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के चलते तीन छात्रों की हुई मौत के हादसे पर छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। छात्र कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कोचिंग सेंटर का नाम राव IAS बताया जा रहा है। वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भी एक्शन लिया है और आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया है।

कोचिंग सेंटर में हुए हादसे को लेकर दिल्ली पुलिस के डीसीपी सेंट्रल एम हर्षवर्धन ने बताया कि बचाव अभियान शुरू किया गया था और छात्रों को बचाने के लिए दिल्ली फायर सर्विस से लेकर NDRF की टीमें भी शामिल थी। इस दौरान बेसमेंट से 3 शव बरामद किए गए हैं, तीनों की पहचान हो गई है। इनमें एक छात्र हैं, जबकि दो छात्राएं हैं।

डीसीपी ने दी मृतकों की जानकारी

डीसीपी ने मृतकों की जानकारी देते हुए बताया कि एक छात्रा का नाम श्रेया यादव है, जो कि मूल रूप से यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली है। दूसरी का नाम तान्या सोनी, जो कि तेलंगाना की रहने वाली है। वहीं मरने वाले छात्र का नाम निविन दलविन है जो कि केरल के एर्नाकुलम का निवासी हैं।

पुलिस ने कोचिंग मैनेजमेंट पर दर्ज किया केस

उन्होंने बताया कि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। डीसीपी के मुताबिक इस केस में BNS की धारा 105, 106 (1), 115 (2), 290 और 35 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला कोचिंग संस्थान और बिल्डिंग के प्रबंधन और उन लोगों के खिलाफ है जो उस जगह के नाले के रखरखाव के लिए जिम्मेदार थे। इसके साथ ही जानकारी ये भी मिली है कि पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक को हिरासत में लिया है, और आगे की जांच जारी है।

किस धारा में कितनी सजा का प्रावधान?

BNS 105 – इस धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले को 5 से लेकर 10 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा इस धारा में जुर्माने का भी प्रावधान हैं।

BNS 106 (1) – बीएनएस धारा 106 (1) के तहत अगर कोई आरोपी दोषी पाया जाता है, तो अधिकतम 5 वर्ष की सजा दी जा सकती है।

BNS 115 (2) – बीएनएस धारा 115 (2) के तहत अगर कोई आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे एक वर्ष तक की सजा से लेकर दस हजार रुपये जुर्माना, या फिर सजा और जुर्माना दोनों हो लगाए जा सकते हैं।

BNS 290 – बीएनएस धारा 290 के तहत दोषी पाए जाने वाले आरोपी को इमारतों के निर्माण में लापरवाही बरतने के मामले में 6 महीने तक की कैद से लेकर पांच हजार रुपये या फिर सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।

BNS 35 – प्रत्येक व्यक्ति को धारा 37 में निहित प्रतिबंधों के अधीन रहते हुए, (क) अपने शरीर की, तथा किसी अन्य व्यक्ति के शरीर की, मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले किसी अपराध के विरुद्ध रक्षा करने का अधिकार है।