प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे रविवार को जनता कर्फ्यू के तहत एक दिन घर से बाहर न निकलें। कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उनकी यह अपील काफी अहम मानी जा रही है। मोदी ने कहा था कि इस दिन सुबह 7 से रात 9 बजे तक कोई भी घर से बाहर न निकले। सा ही उन्होंने यह भी अपील की थी कि शाम 5 बजे लोग अपने घरों के बाहर या बालकनी या छत पर आकर कोरोनावायरस से लगातार लड़ाई में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों और अपनी जान खतरे में डालने वाले लोगों के लिए ताली-थाली जैसा बर्तन बजाकर आवाज करें। उनकी इस पहल का कई लोगों ने समर्थन किया है। हालांकि, एक वर्ग का कहना है कि पीएम का ताली बजाने का आइडिया ठीक नहीं है।
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी पीएम मोदी के कर्फ्यू के दौरान ताली बजाने के आह्वान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “देश के नागरिक के तौर पर मैं प्रधानमंत्री मोदी की जनता कर्फ्यू की अपील का समर्थन करता हूं। मैं खुद भी इस अपील को मानूंगा। एक युवा डॉक्टर जो कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटा है, उसके पिता के तौर पर पर मैं उन सब (डॉक्टरों) की तारीफ करता हूं। बाकी सबकी तरह मैं उनकी प्रार्थना और सैल्यूट के जरिए तारीफ करता हूं, न कि ताली के जरिए। शोर सिर्फ तभी होगा, जब हम यह जंग जीत जाएंगे।”
राजदीप ने आगे लिखा, “कोरोना से लड़ने वालों का सम्मान करने का मेरा आइडिया है कि उनकी कहानियां न्यूज में दिखाई दें। इसके अलावा गरीबों और बूढ़ों के लिए दान देकर और कम फायदे पाने वाले अपने साथी नागरिकों की देखभाल कर भी मैं अपनी छोटी से जिम्मेदारी निभा सकता हूं।”
As a citizen, I fully endorse Janata curfew appeal of PM Modi and will observe the same. As parent of a young doctor on the frontline of fight against corona, I applaud him and many others like him with a prayer and salute, not a taali. Noise making only when we win this battle!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 21, 2020
राजदीप के इस ट्वीट पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। राइज ऑफ बरनोल हैंडल ने राजदीप के बेटे की डिग्री पर सवाल उठाते हुए लिखा, “वो NEET का सर्टिफिकेट अब तक अपलोड नहीं किया। बैकडोर इंट्री थी क्या? या अक्षम पैथोलॉजिस्ट? बेकार डॉक्टर? देखते हैं, वह क्या करता है।” अंकुर नाम के एक यूजर ने लिखा, “आप छाती पीटिएगा, अर्थतंत्र-बेरोजगारी के नाम पर। वैसै भी साफ-सुथरे देशों में कोरोना ने कहर बरपाया है तो भारत में हुई कम मौतों को लेकर मोदी के स्वच्छ भारत अभियान पे छाती पीटिएगा। वैसे आपको अजान के शोर से आपको दिक्कत है या नहीं।”
वहीं, संदीप सक्सेना ने ट्वीट में कहा, “लड़ाई की शुरुआत में ही शोर मचाना मीडिया के लिए नौटंकी और बेवकूफी ही हो सकती है।” पत्रकार पल्लवी घोष ने राजदीप को रिप्लाई में लिखा, “ताली कोई शोर नहीं है राजदीप। यह बेहद छोटी चीज है। कुछ लोग इसे शोर कह कर हट सकते हैं, लेकिन जब सभी लोग इसे साथ करेंगे, तो यह किसी मंत्री की ताकत से कम नहीं है।”