भारत सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल है। वैक्सीन को लेकर आये दिन कुछ ना बयान सुनने को मिलते रहते हैं। वैक्सीन से जुड़ा एक बयान इंडिया टीवी के पत्रकार रजत शर्मा ने भी दिया है जिसको लेकर काफी चर्चा हो रही है। हालाँकि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने इससे हटकर अपना बयान दिया है।

दरअसल थोड़े दिन पहले रजत शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि अपने देश में बनी वैक्सीन कारगर है, सस्ती है और इसे स्टोर करना आसान है। ये नरेंद्र मोदी की नीति और हमारे वैज्ञानिकों की कुशलता का प्रतीक है. इस पर बेवजह शक करने वाले जान लें कि इस वैक्सीन की एडवांस बुकिंग 190 देशों ने करवाई है। 

इसके अलावा रजत ने वैक्सीन पर सवाल खड़े करने वाले लोगों को निशाने पर लेते हुए कहा कि भारत में बनी कोवौक्सीन की जो लोग आलोचना कर रहे हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि 190 देशों की सरकारों के कंसोर्शियम ने इस वैक्सीन की 2 अरब डोज़ की बुकिंग करवाई है। लोग गलतफहमियों के शिकार न हों, तथ्यों पर यकीन करें। इतना ही नहीं रजत शर्मा ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी को भी टैग कर दिया था।  

हालाँकि जब ऑल्ट न्यूज ने रजत शर्मा के ट्वीट की पड़ताल की तो पता चला कि उनका दावा गलत है। जाँच में पता चला कि 3 जनवरी को भारत बायोटेक ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि हम दुनिया भर के लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहते हैं। कई देशों के अधिकारियों ने इसी के मद्देनज़र भारत बायोटेक प्लांट का दौरा भी किया था। लेकिन कोई एडवांस बुकिंग किसी भी देश ने नहीं करायी थी। हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 18 दिसंबर को कहा था कि हम एक “कोवैक्स” नाम की एक योजना की शुरुआत करना चाहते हैं जिसमें दुनिया के करीब 190 देशों की भागीदारी होगी।

वैसे रजत शर्मा का यह ट्वीट भले ही सत्यता से परे हो लेकिन कई लोगों ने इसे सच भी मान लिया और खूब शेयर किया। कई लोगों ने तो इसे प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से दिया गया आधिकारिक बयान तक मान लिया था।