भाजपा के बागी उम्मीदवार लादूलाल पितलिया ने आरोप लगाया है कि उन्हें भीलवाड़ा की सहारा विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस इसलिए ले लिया क्योंकि उनपर उनके परिवार और उनके कपड़ों के कारोबार को लेकर ‘दबाव’ बनाया जा रहा था।
पितलिया ने एक छोटे वीडियो बनाते हुए कहा “मैंने सहारा के लोगों की सेवा के लिए एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा था। लेकिन मुझे और मेरे परिवार पर दबाव डाला जा रहा है। इसीलिए शुक्रवार को मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। मैं सहारा विधानसभा सीट के लिए काम करता रहूँगा।” सहारा में उपचुनाव कांग्रेस विधायक कलश चंद्र त्रिवेदी की मौत के चलते किए जा रहे हैं। त्रिवेदी की कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में मौत हो गई थी।
शुक्रवार को, पितलिया का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ। उन्होने ऑडियो क्लिप वायरल सुरक्षा की मांग करते हुए एक पत्र भी लिखा है। इस बात की पुष्टि अभी नहीं हुई है कि वो पत्र पितलिया ने ही लिखा था। पितलिया का मोबाइल भी बंद आ रहा है और उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
पितलिया को 2018 में बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था। वहीं एक बार फिर भाजपा ने उनकी जगह पूर्व मंत्री रतन लाल जाट को टिकट दे दी। 2018 के विधानसभा चुनावों में, पितलिया ने 30,573 वोट हासिल किए थे। इन वोटों के चलते भाजपा उम्मीदवार को कांग्रेस के कैलाश चंद्र त्रिवेदी से हार का सामना करना पड़ा था। कैलाश चंद्र त्रिवेदी को 64,420 मतों से जीत हासिल हुई थी, वहीं भाजपा के रूप लाल जाट 58,414 वोट मिले थे।
पितलिया जैन समाज से आते हैं और जैन भाजपा का वोट बैंक है। ऐसे में पितलिया के नामांकन वापस लेने से एक बार फिर भाजप जीत की उम्मीद कर सकती है।

