राजस्थान में पुजारी हत्याकांड को लेकर सियासत तेज हो गई है। सरकार की ओर से मृतक के परिवारजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा, एक आश्रित को संविदा के आधार पर नौकरी, इंदिरा आवास योजना के तहत एक मकान का आश्वासन दिया गया है।

इसी मुद्दे पर एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान महंत राजू दास और कांग्रेस की नेत्री अर्चना शर्मा के बीच तीखी बहस हुई इस दौरान, महंत राजू दास ने अपनी पगड़ी उतार इंसाफ की मांग की। इस पर अर्चना शर्मा ने कहा कि इनके वक्तव्य संत नहीं किसी राजनीतिक पार्टी से प्रभावित लग रहे हैं। राजू दास ने इस दौरान कहा- ए मेरी मां, ए मेरी बहन उसकी छह-छह बेटियां हैं छह बेटी का 10 लाख रुपए में क्या होगा?

दरअसल, एंकर के सामने राजू महंत ने पगड़ी उतारकर रख दी, उन्होंने कहा कि मैं आपके सामने पगड़ी उतारकर रख दे रहा हूं। मैं चाहता हूं कि पीड़ित परिवार के साथ इंसाफ हो। मैं किसी के लिए राजनीति नहीं कर रहा हूं, मैं सिर्फ निवेदन कर रहा हूं। मुझे किसी दल से मतलब नहीं है। मैं पगड़ी उतारकर रख रहा हूं कि पुजारी के लिए न्याय करिए।

इस पर एंकर ने सवाल किया अर्चना शर्मा जी, 10 लाख का इंसाफ और पुजारी की हत्या माफ? इस पर अर्चना शर्मा ने कहा मैं क्षमा चाहूंगी लेकिन संत जी जो बोल रहे थे उनका वक्तव्य है उससे उनका झुकाव एक संत की तरह नहीं बल्कि एक राजनेता की तरह आ रहा था। जिनकी अपनी कोई निष्ठा है किसी के प्रति। अगर आप संत हैं तो निष्पक्ष भाव से कहिए किसी सभी के साथ न्याय होना चाहिए चाहे वो संत को जलाने का हो, साधू का हो या किसी का भी हो।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि उनका बयान ऐसा लगता है पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। खैर, मैं इतना ही कहना चाहूंगी कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और 48 घंटे में यदि न्याय की प्रक्रिया शुरू हो जाए तो आपको मानना चाहिए कि सरकार राज्य को अपराधमुक्त बनाने की प्रतिबद्धता के साथ आई थी उसपर खरा उतर रही है।