Rajasthan Gurjar leader Vijay Bainsla: क्या राजस्थान में गुर्जर समुदाय के लोग बीजेपी से नाराज हैं। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण के लिए बड़ा आंदोलन करने वाले किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला के हालिया बयानों और कदमों को देखकर ऐसा लग रहा है। विजय बैंसला बीजेपी से जुड़े हैं।
विजय बैंसला और बीजेपी नेता कालूलाल गुर्जर ने कहा है कि राजस्थान की बीजेपी सरकार के मंत्रिमंडल में गुर्जर समुदाय को पर्याप्त जगह नहीं मिली है। विजय बैंसला ने सवाल उठाया है कि भजनलाल शर्मा सरकार ने अब तक गुर्जर समुदाय के कोटे को नौंवी अनुसूची में क्यों शामिल नहीं किया?
द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में विजय बैंसला ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे में हो रही लगातार देरी की वजह से गुर्जर समुदाय में नाराजगी है।
हाल ही में हुई गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद की एक मीटिंग में विजय बैंसला ने राजस्थान की सरकार में गुर्जर समुदाय से मंत्रियों की संख्या कम होने के मुद्दे को उठाया और इसकी तुलना राजस्थान की पिछली सरकारों से की। उन्होंने कहा, “यह सच है, कड़वा है लेकिन इसे कहा जाना चाहिए और इसलिए कुछ करने की जरूरत है।” खास बात यह है कि इस बैठक में राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट भी मौजूद थे। सचिन पायलट भी गुर्जर समुदाय से आते हैं।
हम पायलट के साथ हैं: बैंसला
बैंसला ने पायलट को सबका लाड़ला और प्यारा बताया। जब वहां मौजूद समर्थकों ने पायलट के समर्थन में नारेबाजी की तो विजय बैंसला ने कहा कि वह भी पायलट के साथ हैं और चिंता करने की जरूरत नहीं है। कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्होंने सचिन पायलट से कहा कि हम एक ही समुदाय से आते हैं और एक-दूसरे से दूर नहीं हैं।
गुर्जर समुदाय से सिर्फ एक मंत्री
राजस्थान की मौजूदा भाजपा सरकार में गुर्जर समुदाय के सिर्फ एक ही नेता को मंत्री बनाया गया है। इन नेता का नाम जवाहर सिंह बेदम है और वह गृह राज्य मंत्री हैं। कांग्रेस की पिछली सरकार में सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री और अशोक चांदना राज्य मंत्री थे। पायलट ने कांग्रेस से विद्रोह कर दिया था और तब उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था लेकिन शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
राजस्थान में 2013-18 तक जब वसुंधरा राजे राज्य की मुख्यमंत्री थीं तब सरकार में हेम सिंह भड़ाना कैबिनेट मंत्री थे और कालू लाल गुर्जर सरकार में चीफ व्हिप के पद पर थे।
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लोगों के बीच जा रहे विजय बैंसला
विजय बैंसला ने 2019 में कांग्रेस की सरकार के द्वारा पास किए गए 5% अति पिछड़ा वर्ग (MBC) कोटे को नौंवी अनुसूची में शामिल न करने पर भी सवाल उठाया। विजय बैंसला ने बताया कि वह अपने समुदाय के लोगों के बीच जा रहे हैं और वहां पर लोगों से पूछते हैं कि वे जो कर रहे हैं वह सही है या गलत और लोगों को सरकार से क्या बदलाव चाहिए?
उन्होंने बताया कि उन्होंने ‘बोल गुर्जर मन की बात’ पहल के तहत नौ से अधिक बैठकें की हैं, जहां लोगों ने कोटा और नौंवी अनुसूची का मुद्दा बार-बार उठाया है।
वापस क्यों नहीं लिये गये मामले
गुर्जर समुदाय के नेताओं ने सवाल उठाया है कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को अभी तक वापस लेने का वादा क्यों नहीं पूरा किया गया है? राजस्थान में दिसंबर 2023 में बीजेपी की सरकार बनी थी और तब से अभी तक एक भी मामला वापस नहीं हुआ है।
उम्मीदवार नहीं बनाने पर नाराजगी
बैंसला ने इस बात पर नाराजगी जताई कि देवली उनियारा के उपचुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। 2023 के विधानसभा चुनाव में विजय बैंसला कांग्रेस के हरीश मीणा से चुनाव हार गए थे। मीणा के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया था और वह चुनाव जीत गए थे।
बीजेपी के नेता और राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालू लाल गुर्जर भी विजय बैंसला से सहमति जताते हैं और कहते हैं कि राजस्थान की सरकार में एक और गुर्जर कैबिनेट मंत्री होना चाहिए। इसके अलावा बोर्ड और कॉर्पोरेशन में भी एक और नेता को पद दिया जाना चाहिए।
इन मामलों को लेकर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेदम ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि भजनलाल शर्मा की सरकार सभी मुद्दों पर संवेदनशील है और जरूरी कार्रवाई की जा रही है। गुर्जर आरक्षण के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है और जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा।
ओबीसी, एससी-एसटी के साथ हो रहा अन्याय: कांग्रेस
कांग्रेस विधायक और गुर्जर समुदाय से आने वाले अशोक चांदना ने कहा कि बीजेपी की सरकार में ओबीसी, एससी और एसटी के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। चांदना ने कहा कि सरकार को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
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