देश और प्रदेश के लोगों के लिए आफत बना गुर्जर आंदोलन खत्म होने के साथ ही बंद राहें अब खुल गई हैं। सरकार से समझौता होने के बाद शुक्रवार को बंद पड़ी सड़कों और रेल मार्ग पर फिर से वाहनों और ट्रेनों ने सरपट दौड़ना शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट की फटकार के साथ ही केंद्र सरकार ने भी राजस्थान सरकार से आम लोगों की परेशानी को देखते हुए बंद रास्तों को खोलने की हिदायत दी थी। इसका असर हुआ और सरकार ने गुर्जरों से सुलह की राह पकड़ने के लिए फुर्ती दिखाई।

राज्य में 21 मई से शुरू हुआ गुर्जर आरक्षण आंदोलन आठ दिन तक लोगों की परेशानी का सबब बना रहा। इस आंदोलन के पिछले इतिहास को देख कर ही इस बार भी सरकार को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा। इस बार बिना खून खराबे के सरकार ने गुर्जरों से समझौता कर लोगों की राह को फिर से आसान बनाया।

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने भी माना कि उनके आंदोलन से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंसला ने कहा कि सात-आठ साल से गुर्जर आंदोलन की वजह से जनता को जो परेशानी हुई उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। जनता पिछले आठ दिन से भी परेशान थी। समझौते से उन्होंने उम्मीद जताई कि अब गुर्जरों को पांच फीसद विशेष आरक्षण मिल जाएगा। दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग और जयपुर-आगरा जैसे महत्त्वपूर्ण नेशनल हाइवे के साथ ही आंदोलनकारियों ने कई सड़क मार्गों पर कब्जा कर जाम लगा दिया था। इससे पूर्वी राजस्थान के आधा दर्जन जिलों की जनता को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।

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आंदोलन शुरू होते ही और पीलूपुरा में रेल ट्रैक को जाम करने के बाद से ही लोगों की घबराहट तेज हो गई। रेलमार्ग जाम होने के दो दिन बाद ही गुर्जरों ने नेशनल हाइवे को सिकंदरा के पास जाम कर दिया। इसके अलावा गुर्जर बहुल इलाकों के कई सड़क मार्गों को भी जाम कर दिया गया। इसके बाद हाईकोर्ट की फटकार और जाम हटाने की सख्त हिदायत ने असर दिखाया। हाईकोर्ट ने अफसरों की जमकर खिंचाई की और लोगों की परेशानी का हवाला दिया।

हाईकोर्ट में शुक्रवार को भी मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की पेशी हुई। इस दौरान रेलवे ने अपने नुकसान की जानकारी भी दी। रेलवे को इन आठ दिनों में करीब 121 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। सूत्रों का कहना है कि रास्ते जाम होने से केंद्र सरकार भी प्रदेश के प्रशासन और पुलिस से नाराज हुई। केंद्र की तरफ से भी लोगों की परेशानी दूर करने के निर्देश राज्य सरकार को लगातार मिलते रहे।

समझौता होने के बाद गुर्जर नेता कर्नल बैंसला शुक्रवार तड़के पीलूपुरा पहुंचे और गुर्जरों से रेल ट्रैक खाली करने को कहा। बैंसला ने सरकार से समझौते की पूरी जानकारी गुर्जरों को दी। उनके निर्देश के बाद आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक और सड़क मार्गों से हटना शुरू कर दिया। जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे का जाम भी शुक्रवार सवेरे ही हटा। इस हाइवे पर सिकंदरा में गुर्जरों के बीच बैंसला सवेरे दो बजे पहुंचे और जाम हटाने को कहा। बैंसला ने यहां गुर्जरों को जीत का संदेश दिया। हाइवे पर से जाम हटने के बाद शुक्रवार सवेरे यातायात सामान्य हो गया।

राजस्थान रोडवेज ने अपनी बसें सवेरे सात बजे से इस मार्ग पर शुरू कर दीं। प्रदेश में जयपुर से आगरा को जोड़ने वाला यह सड़क मार्ग पयर्टन के लिहाज से खासा अहम माना जाता है। पीलूपुरा में रेलट्रैक से गुर्जरों के हटते ही रेलवे ने इसे कब्जे में लेकर इसकी मरम्मत शुरू कर दी। रेलवे ने दोपहर बाद इस मार्ग पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया। इसके अलावा सवाई माधोपुर के कुशालीदर्रा के सड़क मार्ग पर से भी शुक्रवार सवेरे ही गुर्जरों ने जाम हटाया। इस जगह पर गुर्जरों ने समझौते की खुशी में मिठाइयां बांटी और लोकगीत गाकर नाच गाना किया।

राजीव जैन