राजस्थान में सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चपेमारी को लेकर सवाल किए हैं। चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा कि ईडी मानेसर वाले होटल पर छापा क्यों नहीं मारती, जहां सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले विधायक रुके है।
कांग्रेस नेता ने एजेंसी से पूछा कि वह हरियाणा के मानेसर में होटल की जांच क्यों नहीं कर रही है जिसने सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की मेजबानी की थी। चिदंबरम ने लिखा “ईडी रायसीना हिल पर बिग फोर के साथ एक अलग मंत्रालय में पदोन्नत होने के योग्य है। ईडी ने 13 साल की परिश्रमपूर्ण जांच के बाद, 2007 के मनी-लॉन्ड्रिंग घोटाले की खोज की है।” कांग्रेस नेता ने आगे लिखा “अगर कांग्रेस विधायकों की मेजबानी करने वाले होटल फेयरमोंट के मालिक संदिग्ध हैं, तो हरियाणा के मानेसर में पायलट और 18 विधायकों की मेजबानी के बारे में क्या कहेंगे?”
ईडी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों के यहां चपेमारी की थी। सीएम के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के यहां भी ईडी ने छापा मारा था। राजस्थान में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पिछले 9 दिन में 5 कार्रवाई की हैं। इसके अलावा ईडी ने जयपुर के होटल फेयरमोंट पर छापा मारा था। इस होटल में वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर रतन कांत शर्मा की हिस्सेदारी है। इसी होटल में गहलोत खेमे के विधायक और मंत्री रुके हुए हैं।
बता दें उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। 24 जुलाई को हाई कोर्ट में फैसला आना है।