Rajasthan Sachin Pilot Protest: कांग्रेस आलाकमान की चेतावनी के बावजूद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट अनशन पर बैठ गए हैं। सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) से शिकायत की है कि उसने उन तमाम भ्रष्टाचार के मुद्दों पर साढ़े चार साल में कोई कार्रवाई नहीं की जिनके आधार पर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी। पायलट ने कहा कि पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार के समय हुआ खनन घोटाला हुआ था। उसे लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पायलट के धरने को लेकर हलचल तब और तेज हो गई जब कांग्रेस ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि बता दिया। इससे पहले आलाकमान की ओर से पायलट को चेतावनी भी दी गई थी कि अगर उन्होंने अनशन किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

कांग्रेस ने जारी किया बयान

देर रात राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बयान जारी करते हुए कहा कि “सचिन पायलट का दिन भर का उपवास पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर उनकी अपनी सरकार के साथ कोई समस्या है, तो इस पर मीडिया और जनता के बजाय पार्टी मंचों पर चर्चा की जा सकती है। आलाकमान के सूत्रों ने कहा कि रंधावा ने सोमवार को पायलट से फोन पर बात की। इसमें उन्हें रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आने को कहा। राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है। मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी का प्रभारी हूं, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर मुझसे कभी बात नहीं की। मैं शांति से बात करने की अपील करता हूं क्योंकि सचिन पायलट पार्टी की धरोहर हैं।

पायलट के समर्थन में जुटे कई नेता

सचिन पायलट ने जयपुर से शहीद स्मारक पर अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के लिए उनकी ओर से पार्टी के किसी भी नेता को कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया है लेकिन इसमें उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक और सवाई माधोपुर समेत कई जिलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के अनशन स्थल पर पहुंचने की संभावना है। माना जा रहा है कि पायलट गुट के कुछ विधायक समेत पार्टी से जुड़े बड़े नेता भी इस अनशन में शामिल हो सकते हैं।

पायलट क्यों कर रहे अनशन

सचिन पायलट का कहना है कि राज्य की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी। पायलट ने कहा कि अब सरकार को सिर्फ 6 महीने का समय बाकी है। ऐसे में जिन वादों को लेकर हम चुनाव में गए थे उन्हें पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्रवाई इसलिए जल्द करनी होगी ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

कांग्रेस का क्या है कहना

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की है। उनका कहना है कि ये पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है। सचिन पायलट के वफादार विधायक वेद सोलंकी ने कहा कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है और कई विधायक उनके साथ हैं। राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सचिन पायलट की मांग का समर्थन किया है। खाचरियावास ने कहा कि वह सचिन पायलट की बात से सहमत हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन मुद्दों पर कार्रवाई करे जो कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए उठाए थे।