राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और केंद्र सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीत तकरार का दायरा अब बढ़ता जा रहा है। बात यहां तक आ गई है कि दोनों के लहजों में तीखे शब्दों की भरमार देखने को मिल रही है। बता दें कि दोनों राजस्थान के प्रतिष्ठित नेता माने जाते हैं लेकिन इन दिनों दोनों के बीच विवाद बढ़ गया है।

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फोन टेपिंग मामले को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पर आरोप लगाया कि गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश की और वो सीएम बनने का सपना देखते हैं। उन्हें खुद जेल में रहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जिस आदमी का चरित्र इस तरह का हो, वो सिर्फ खुद को बचाने के लिए फर्जी आरोप लगा रहा है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की हालत है।

इसपर पलटवार करते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “मुझे लगता है कि उनकी उम्र का असर उनके(गहलोत) बयानों में दिख रहा है। वो 2018 की बजट घोषणा को आजतक नहीं पूरा कर पाये और इस तरह की थोथी घोषणाएं करके दूसरों पर थूक उछालने का काम मुख्यमंत्री करते हैं।”

सीएम गहलोत का आरोप: अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में पानी की समस्या को लेकर कोई काम नहीं किया। उन्होंने 11 अप्रैल को ट्वीट में लिखा, “हमारी मंशा है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का काम शीघ्र पूरा हो जिससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल व सिंचाई का पानी मिल सके। प्रदेश सरकार ने ERCP पर अभी तक करीब 1000 करोड़ का व्यय किए हैं एवं इस बजट में 9600 करोड़ प्रस्तावित किए हैं।”

उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, “राज्य सरकार के सीमित संसाधनों से इस परियोजना को पूरा होने में 15 साल लग जाएंगे एवं परियोजना की लागत भी बढ़ती जाएगी। केन्द्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देती है तो वहां से ग्रांट मिलने पर काम भी तेजी से पूरा होगा एवं कम लागत में काम हो सकेगा।”

गहलोत ने कहा कि यह समझ के परे है कि राजस्थान जैसे रेगिस्तानी एवं जल अभावग्रस्त राज्य को पानी की परियोजना को नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा नहीं मिलेगा तो किस राज्य को मिलेगा? यह स्थिति तो तब है जब यहां के सांसद ही जलशक्ति मंत्री हैं पर वो प्रदेश के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री शेखावत का पलटवार: शेखावत का कहना है कि वो शुरू से काम करना चाहते थे लेकिन राजस्थान के सीएम ने उन्हें काम नहीं करने दिया। उन्हें सिर्फ राजनीतिक करनी है। दो साल पहले उनकी सरकार जिस तरह से होटलों में बंद थी, ठीक उसी तरह की भाषा आज इस्तेमाल कर रहे हैं।

शेखवात ने गहलोत को जवाब देते हुए ट्वीट में कहा, “अशोक गहलोत जी के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है। वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं, जिसमें जनता जनार्दन ने मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया था।”

उन्होंने लिखा, “मैंने तो उन्हें चुनौती दी है, वे मोदीजी पर लगाए अपने निहायत मनगढ़ंत आरोप साबित करके बताएं, परंतु वे प्रमाण देने की बजाय मुख्य मुद्दे को बहस में उलझाना चाहते हैं। उनकी तरह उनकी राजनीति का तरीका अप्रासंगिक हो चुका है। उन्हें अब राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए, उनकी पार्टी के लोग भी यही चाहते हैं।”