देश विदेश तक सुर्खियों में रहे आसाराम मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब उनकी जांच से जुड़े IPS अधिकारी अजयपाल लांबा ने अपनी किताब में कुछ ऐसे लिख दिया जो आरोपी के वकीलों के लिए मुफीद है। फिलहाल आसाराम पर दर्ज रेप केस को झूठा बताते हुए उनके वकीलों ने जमानत के लिए याचिका दायर कर दी है। 7 मार्च को लांबा की पेशी है।
गनिंग फॉर द गॉडमैन : द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापूज कॉन्विक्श। इस किताब में लिखी एक लाइन ने राजस्थान के सबसे चर्चित आसाराम केस को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। इसी एक लाइन के दम पर नाबालिग से रेप के दोषी आसाराम के वकीलों ने जमानत याचिका दायर की है। ये किताब आसाराम को गिरफ्तार करने वाले IPS ऑफिसर अजय पाल लांबा ने लिखी है। किताब में छपी एक लाइन पर आसाराम के वकीलों को आपत्ति है। याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। IPS की किताब में लिखी 1 लाइन ने इस केस को फिर जिंदा कर दिया है।
अजयपाल लांबा ने किताब के पेज नंबर 7 पर लिखा है कि टीम के साथ वो जोधपुर के मणाई आश्रम गए थे। लांबा ने जांच के लिए अपने मोबाइल से एक वीडियो बनाया। बुक पब्लिश होने के बाद आसाराम के वकील ने कोर्ट से कहा कि लांबा ने ये बात जज से छिपाई। तर्क दिया गया कि लांबा ने पहले ही आश्रम का वाडियो बनाकर पीड़िता को दिखाया और फिर रेप की झूठी कहानी बनाकर मामला दर्ज कराया। कोर्ट ने 7 मार्च की तारीख तय कर लांबा को पेशी का फरमान दिया है। हालांकि, वो इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। फिलहाल आसाराम के वकील किताब की इस लाइन को लेकर बिफरे हैं। उनका कहना है कि इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश नहीं किया गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट अजय जैन का कहना है कि राजस्थान पुलिस रूल्ज के मुताबिक केस दर्ज होने के बाद मौके को सील किया जाना चाहिए थे। पीड़िता से मौका मुआयना कराने के बाद ही वीडियो या फोटो लेने चाहिए। लेकिन उन्होंने पहले ही वीडियो बना लिया था। उन्होंने केस डायरी में भी वीडियो का जिक्र नहीं किया। किताब में लिखी बात को सही माना गया तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 166, 167 के तहत कार्रवाई हो सकती है।
नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को जोधपुर की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है। पीड़िता ने आसाराम पर जोधपुर के आश्रम में 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था। तब से वह जेल में है। आसाराम ने कई बार जमानत याचिका दायर की है। सुब्रमण्यम स्वामी और केटीएस तुलसी जैसे दिग्गज वकील भी आसाराम को जमानत दिलाने का रास्ता नहीं बना सके।
आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक आरोप है। वहां दो लड़कियों ने आसाराम और बेटे नारायण साई के खिलाफ बलात्कार और बंदी बनाकर रखने का आरोप लगाया है। हाईप्रोफाइल मामले में कई गवाहों की हत्या भी हो चुकी है।