राजस्थान में चुनाव के दिन एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नरेश मीणा को पुलिस ने उनके गांव से ही गिरफ्तार किया। इस बीच नरेश मीणा के समर्थक उनकी गिरफ्तारी से भड़क गए हैं। पुलिस की पांच कंपनियां जयपुर और तीन कंपनियां अजमेर से बुलाई गई हैं। नरेश मीणा के समर्थकों ने गांव से निकलने वाले हाईवे को ब्लॉक कर दिया है और पत्थरबाजी कर रहे थे।
नरेश मीणा के समर्थकों ने रोड पर खड़े ट्रैक्टर और ट्रकों के पहियों को रोड पर रखकर उसमे आग लगा दी। हालांकि पुलिस के आने के बाद समर्थक वहां से भाग गए। पुलिस ने नरेश मीणा के समर्थकों को भगाने के लिए आंसू गैस के गोली भी छोड़े। पुलिस ने नरेश मीणा को सामरवाता गांव से गिरफ्तार किया है। वहीं इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिसबलों की तैनाती की गई है।
मामले को लेकर टोंक के एसपी विकास सांगवान ने कहा कि नरेश मीणा को हमने पहले कानून हाथ में न लेने और सरेंडर करने को कहा। उन्होंने कहा, “पहली बार में सरेंडर करने के मूड में नहीं था लेकिन पुलिस बल को देखकर तैयार हो गया। इस मामले में 50 से 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है।”
नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ गांव में ही धरने पर बैठे हुए थे। वहीं पुलिस की ओर से लगातार लाउडस्पीकर से ऐलान किया गया कि कोई भी कानून अपने हाथ में ना ले। नरेश मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि एसडीएम गांव के लोगों से वोटिंग का बहिष्कार करने को कह रहे थे और बीजेपी कैंडिडेट को जिताने के लिए फर्जी वोटिंग करा रहे थे।
नरेश मीणा के आरोप के अनुसार एसडीएम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उनके पति को धमकाया कि अगर वोट नहीं डाला तो उनकी सरकारी नौकरी चली जाएगी। नरेश मीणा ने जिले की डीएम पर भी बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब थप्पड़ मैंने मारा तो मांग की थी कि कलेक्टर यहां पर आए, लेकिन वह नहीं आईं। नरेश मीणा ने कहा कि मेरे समर्थकों पर एसडीएम ने लाठी चार्ज करवाया।