सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में हर दिन कोविड-19 से हजारों लोगों की मौत हो रही है। लेकिन कई राज्य सरकारों पर मौत के आंकड़ों को कम कर के बताने का आरोप भी लगाया जा रहा है। राजस्थान के 173 गांवों के 637 लोगों की हाल के दिनों में सांस लेने में तकलीफ होने के बाद मौत हो गयी। लेकिन राज्य सरकार के अनुसार इसे कोरोना का कहर नहीं माना।

दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार राजस्थान के पीपाड़ में 173 गांवों के 637 लोगों की मौत पिछले दिनों सांस लेने में तकलीफ होने के कारण हुई लेकिन प्रशासन ने इन मौतों को कोरोना से होने से इनकार कर दिया। खबर के अनुसार गांवों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में लोगों ने घरों में ही दम तोड़ दिया। कई जगहों पर एक ही मोहल्ले में तीन से चार लोगों की मौत हुई। इसका खुलासा हाल ही में सरकार द्वारा ही करवाए गए सर्वे में हुई है। लेकिन सरकार की तरफ से लोगों की मौत का कारण नहीं बताया गया।

पीपाड़ नगरपालिका क्षेत्र मे 64 लोगों की मौत हुई, लेकिन प्रशासन ने मात्र चार लोगों की कोरोना से मरने की बात कही। कई जगहों पर सरकारी रिकॉर्ड में कोरोना से मौत की बात नहीं कही गयी लेकिन अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल से ही किए गए।

बताते चलें कि कोरोना से भारत में हो रही मौतों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। न्यूयार्क टाइम्स की 25 मई को प्रकाशित खबर, ‘Just How Big Could India’s True Covid Toll Be?‘में बताया गया है कि जो आंकड़ा सरकार दे रही है वो हकीकत से बहुत ज्यादा परे है। सरकार का डेटा कहता है कि कोविड से भारत में मरने वाले लोगों की तादाद 3.07 लाख है।

जबकि न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक ये आंकड़ा 14 गुना ज्यादा है। यानि भारत में अभी 42 लाख लोग संक्रमण से मौत के मुंह में समा चुके हैं। अखबार का दावा है कि उसने ये आंकड़ा तीन नेशनल सीरो सर्वे के अध्ययन के अलावा दर्जन भर एक्सपर्ट की राय पर तैयार किया है।