कांग्रेस का 85वां अधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहा है। रायपुर में चल रहे इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन से पहले कांग्रेस के 2024 सहित आने वाली चुनावी लड़ाइयों के लिए पार्टी के लिए टोन सेट करने की उम्मीद है। कांग्रेस के सामने एक बार फिर से वह सभी चुनौतियां खड़ी हैं जिन्हें वह पिछले 8 सालों से दूर करने की कोशिश कर रही है। पार्टी को अभी भी अपने टॉप मोस्ट एजेंडे का पता लगाना है। जिसमें सबसे पहला सवाल है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के लिए चुनाव कराना है या नहीं।
CWC चुनाव पर फैसला
कांग्रेस नेतृत्व ने शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) का चुनाव नहीं कराने का फैसला किया। यह निर्णय पार्टी की संचालन समिति की बैठक में लिया गया जिसमें गांधी परिवार के सदस्यों ने भाग नहीं लिया। संचालन समिति की तीन घंटे की बैठक के बाद, कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से सीडब्ल्यूसी सदस्यों को नामित करने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत करने का फैसला किया है।
प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की संभावना
अधिवेशन से पहले नेताओं के एक वर्ग ने कहा था कि राहुल CWC चुनाव के पक्ष में हैं और ऐसे में प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। पूर्व पार्टी अध्यक्षों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए सीडब्ल्यूसी में एक स्थायी सीट आरक्षित करने के लिए एक संशोधन प्रस्तावित किया जा सकता है और इस प्रकार सोनिया गांधी, राहुल और मनमोहन सिंह को शामिल किया जा सकता है।
वहीं, रायपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि इस अधिवेशन से कांग्रेस में एक नया संदेश जाएगा और रायपुर से AICC का अधिवेशन देश की राजनीति में एक अहम जगह रखता है। यहां पर प्रस्ताव पारित होंगे और जो संदेश जाएगा उसे हम जन-जन तक पहुंचाएंगे। 2024 के लिए NDA सरकार का रिवर्स काउंटडाउन यहां से शुरू होता है।
विपक्षी एकता पर जोर
पूर्ण सत्र में पारित होने वाले राजनीतिक प्रस्ताव के अनुसार विपक्षी एकता कांग्रेस का एक अहम मुद्दा है। विपक्षी एकता के मुद्दे पर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में नागालैंड में एक चुनावी सभा में कहा था कि पार्टी अन्य दलों के साथ बातचीत कर रही थी लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में एक गठबंधन 2024 में सत्ता में आएगा। तब से राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस ने एक-दूसरे पर खुलकर निशाना साधा है।
जहां तक संगठनात्मक सुधारों का सवाल है कांग्रेस से अपने संविधान में संशोधन करने की अपेक्षा की जाती है ताकि सीडब्ल्यूसी सहित सभी स्तरों पर एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए 50% तक आरक्षण की अनुमति दी जा सके। 50 फीसदी में से 25 फीसदी एससी और एसटी के लिए होगा। कुल मिलाकर 50 वर्ष से कम आयु के नेताओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण होगा, जिसे कांग्रेस में ’50 अंडर 50′ फॉर्मूले के रूप में जाना जाता है।