देश ने मानसून का एक रौद्र रूप देख लिया है। बारिश तो हर साल होती है, तय समय तक चलती है और फिर थम जाती है। लेकिन इस बार की बारिश अलग है, इस बार का ये अंदाज एक अलग ट्रेंड बता रहा है। ये वो ट्रेंड है जिसने दिल्ली में 41 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है, पंजाब में 23 सालों का रिकॉर्ड टूटा है और पहाड़ी राज्यों में भी तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। इस समय एक तरफ दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब में बारिश से हालात बिगड़ने लगे हैं। पहाड़ों पर भी जल प्रलय ने दस्तक दे दी है।

दिल्ली में रिकॉर्ड बारिश

इस समय राजधानी दिल्ली को लेकर सभी की चिंता सबसे ज्यादा बढ़ गई है। इसका कारण ये है कि राजधानी में लगातार हो रही बारिश ने यमुना के जलस्तर को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है। आलम ये है कि यमुना इस समय खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि हरियाणा ने हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ दिया है। अब दिल्ली में यमुना का खतरे का निशान 204.5 मीटर है। इस समय आंकड़ा 203.18 मीटर चल रहा है, यानी कि खतरे के निशान के काफी करीब।

बाढ़ का खतरा क्यों?

दिल्ली को लेकर एक खतरनाक आंकड़ा ये भी सामने आया है कि 1982 के बाद ये अब तक की हुई सबसे ज्यादा बारिश है। एक दिन में ही 151 मिमी बारिश दर्ज की गई है। एक सामन्य मॉनसून में जितनी कुल बारिश राजधानी में दर्ज की जाती है, उस लिहाज से ये आंकड़ा काफी ज्यादा है। अभी के लिए दिल्ली में आज सभी स्कूल बारिश की वजह से बंद कर दिए गए हैं। इसी तरह गुरुग्राम में भी वर्क फ्रॉम होम के आदेश जारी कर दिए गए हैं। असल में साइबर सिटी में सिर्फ दो घंटे के भीतर 149 मिमी बारिश हो गई, ऐसे में लंबे जाम तो लगे ही, कई जगह जलभराव भी खतरनाक स्तर का देखने को मिला।

पंजाब में कॉलोनी डूबी

अब दिल्ली से ही सटे पंजाब में भी हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। सबसे ज्यादा डराने वाले वीडियो भी पंजाब से ही सामने आए हैं। असल में मोहाली में बारिश तो ज्यादा हुई ही, उससे ज्यादा जलभराव कई इलाकों में देखने को मिल गया। मोहाली के डेरा बस्सी में स्थित एक कॉलोनी का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जहां पर पानी लोगों के पेट तक भर चुका है। गाड़ियां खड़ी-खड़ी डूब रही हैं।

कुल्लू में वायुसेना से मांगी मदद

पहाड़ी इलाकों की बात करें तो कुल्लू में स्थिति इतनी विस्फोटक हो चुकी है कि अब वहां वायुसेना से मदद मांगी जा रही है। कई लोगों का रेस्क्यू तो एनडीआरएफ की टीम ने किया है, लेकिन अभी भी कुछ लोग फंसे हुए हैं जिन्हें निकालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में वायुसेना से मदद मांगी जा रही है। हिमाचल में कई जगह सड़कें धंसने की खबर है, बादल भी फटा है। भूस्खलन ने भी कई रास्तों को बंद कर दिया है। इसी कड़ी में मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला हुआ है। वहीं जोर देकर कहा गया है कि कई सड़कों पर भारी वाहनों की आवाजाही नहीं होगी।

आखिर क्यों इतना बरस रहे इंद्र देव?

इस समय जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेष. उत्तराखंड में भारी बारिश की बात कही जा रही है। अगले दो दिनों तक तेज बारिश का दौर जारी रह सकता है। वहीं पंजाब, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में भी बारिश से अभी राहत नहीं मिलने वाला है। राजधानी दिल्ली को लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर इंद्र देव इतने ज्यादा क्यों बरस रहे हैं? मौसम विभाग के पास इस सवाल का स्पष्ट जवाब है। बताया जा रहा है कि पश्चिम विक्षोभ और मानसूनी हवाओं की वजह से उत्तर पश्चिम भारत में रिकॉर्डतोड़ बारिश दर्ज की जा रही है। दिल्ली में भी इस समय जो इंद्र देव इतना ज्यादा बरस रहे हैं, उसका कारण भी है ये पश्चिम विक्षोभ ही है। वर्तमान में ये पश्चिम विक्षोभ पाकिस्तान में सबसे ज्यादा सक्रिय है। अब सोशल मीडिया की दुनिया इस लगातार हो रही बारिश को जलवायु परिवर्तन से जोड़ने का काम भी कर रही है। कोई इसे भविष्य का बड़ा खतरा बता रहा है तो कोई सुधरने की बात कर रहा है।

जलवायु परिवर्तन या कुछ और?

लेकिन जानकार मानते हैं कि इस बारिश का जलवायु परिवर्तन से कोई लेना देना नहीं है। इसका सिंपल कारण ये है कि देश में मॉनसून हमेशा से ही काफी अनप्रिडिक्टेबल रहा है। कभी ज्यादा बारिश होती है तो कभी कम। ऐसे में ज्यादा या फिर कम बारिश को सीधे-सीधे जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ा जा सकता। वैसे अभी जो बारिश हो रही है, उससे लोगों को आने वाले दिनों में भी राहत नहीं मिलने वाली है। दिल्ली से लेकर सभी पहाड़ी राज्यों को लेकर साफ प्रिडिक्शन है कि आने वाले दिनों में भी रिकॉर्ड तोड़ बारिश का दौर जारी रहने वाला है।