रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से भारतीय रेलवे ने 39,000 ट्रेन व्हील बनाने का टेंडर एक चीनी कंपनी को दे दिया है। यह टेंडर टीजेड हांग कांग इंटरनेशनल लिमिटेड को दिया गया है। इस टेंडर की बारे में जानकरी देते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट को ट्वीट कर लिखा कि भारतीय रेलवे ने 39,000 ट्रेन व्हील बनाने का टेंडर एक चीनी दिया है।

रिपोर्ट में रेलवे के सीनियर अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि ये टेंडर वंदे भारत ट्रेनों के पहियों के लिए निकाला गया था। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत को ट्रेन व्हील आपूर्ति करने वालों की बड़ी संख्या में कमी हो गई थी, जिसके कारण रेलवे ने ये फैसला लिया है। यह टेंडर 4 अप्रैल को खुला था और रेलवे मंत्रालय की ओर से टेंडर को चीनी कंपनी को 2 मई को दिया था।  

जानकारी के मुताबिक यह आर्डर 170 करोड़ रुपए का है। पिछले साल गलवान वैली स्टैंड ऑफ के बाद मोदी सरकार ने पड़ोसी देशों की कंपनियों पर निवेश और आपूर्ति करने पर रोक लगा दी थी। वहीं, अगर कोई कंपनी इसके बाद भी भारत में किसी प्रकार का निवेश या आपूर्ति करनी चाहती है तो फिर उसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री और इंटरनल ट्रेड (DPIIT) में रजिस्ट्रेशन करना होगा और इसके साथ विदेश और गृह मंत्रालय से इजाजत भी लेनी होगी।

चीनी सरकारी कंपनी है टीजेड (TZ): टीजेड हांग कांग इंटरनेशनल लिमिटेड  चीनी सरकारी कंपनी तैयुआं हैवी मशीनरी (Taiyuan Heavy Machinery Group Co, Ltd) की विदेशी शाखा है। कंपनी की स्थापना वर्ष 1950 में की गई थी।

घरेलू उत्पादन पर जोर: रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने घरेलू उत्पादन पर जोर देना शुरू कर दिया है। हमें देश में रेलवे व्हील इकोसिस्टम बनाने की जरुरत है। वहीं, घरेलू उत्पादक किसी भी प्रोजेक्ट में तब निवेश करना पसंद करते हैं जब उन्हें किसी उत्पाद की मांग लंबे समय तक बने रहने की संभावना होती है। ऐसे में भारत सरकार कई नई ट्रेनों को लॉन्च करने जा रही है तो भविष्य में घरेलू उत्पादन पर ही जोर रहेगा।