नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिछले महीने हुई भगदड़ के बाद रेलवे प्रशासन लगातार ऐसी घटनाओं से बचने के लिए योजनाएं बनाने का काम कर रहा है। इसी संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में तय किया गया है कि देश के 60 रेलवे स्टेशनों के बाहर यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे। इसके अलावा पैदल पार पुलों को भी चौड़ा किया जाएगा।

60 स्टेशनों पर परमानेंट बाहरी प्रतीक्षालय: साल 2024 के त्योहारी सीजन के दौरान स्टेशनों के बाहर प्रतीक्षालय बनाए गए थे। ये प्रतीक्षालय सूरत, उधना, पटना और नई दिल्ली में बड़ी भीड़ को संभालने में सक्षम थे। यात्रियों को तभी अनुमति दी गई जब ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंचेगी। प्रयाग क्षेत्र के नौ स्टेशनों पर महाकुंभ के दौरान इसी तरह की व्यवस्था की गई थी।

इन स्टेशनों के अनुभव के आधार पर रेलवे ने देश भर के 60 स्टेशनों पर स्टेशनों के बाहर स्थायी प्रतीक्षालय बनाने का निर्णय लिया है। इन रेलवे स्टेशनों पर समय-समय पर भारी भीड़ रहती है। नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। इससे रेलवे स्टेशनों पर अचानक आने वाली भीड़ को प्रतीक्षालय के भीतर ही सीमित रखा जा सकेगा। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर तभी जाने दिया जाएगा जब ट्रेनें प्लेटफार्म पर आएंगी। इससे स्टेशनों पर भीड़ कम होगी।

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रेलवे स्टेशनों पर क्या – क्या बदलाव होंगे?

पहुंच कंट्रोल: 60 रेलवे स्टेशनों पर पूर्ण पहुंच नियंत्रण शुरू किया जाएगा। कंफर्म रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफार्म पर सीधे प्रवेश दिया जाएगा। बिना टिकट या वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्री बाहरी वेटिंग एरिया में प्रतीक्षा करेंगे। सभी अनाधिकृत एंट्री प्वांइट्स को सील कर दिया जाएगा।

चौड़े फुट-ओवर-ब्रिज (FOB): 12 मीटर चौड़े (40 फीट) और 6 मीटर चौड़े (20 फीट) मानक एफओबी के दो नए डिजाइन विकसित किए गए हैं। रैंप वाले ये चौड़े एफओबी महाकुंभ के दौरान क्राउड मैनेजमेंट में बहुत प्रभावी रहे। ये नए मानक चौड़े एफओबी सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे।

कैमरे: महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में कैमरों ने बहुत मदद की। सभी स्टेशनों और आसपास के इलाकों में कड़ी निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे।

कंट्रोल रूम: बड़े स्टेशनों पर कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। भीड़भाड़ की स्थिति में सभी विभागों के अधिकारी नियंत्रण कक्ष में काम करेंगे।

नई पीढ़ी के संचार उपकरण: सभी भारी भीड़ वाले स्टेशनों पर वॉकी-टॉकी, अनाउंसमेंट सिस्टम, कॉलिंग सिस्टम जैसे नवीनतम डिजाइन के डिजिटल संचार उपकरण लगाए जाएंगे।

नए डिजाइन के आईडी कार्ड: सभी कर्मचारियों और सेवादारों को नए डिजाइन का आईडी कार्ड दिया जाएगा, ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही स्टेशन में प्रवेश कर सकें।

कर्मचारियों के लिए नए डिजाइन की ड्रेस: सभी कर्मचारियों को नए डिजाइन की वर्दी दी जाएगी, ताकि संकट की स्थिति में उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।

स्टेशन डायरेक्टर पोस्ट अपग्रेड की जाएगी: सभी प्रमुख स्टेशनों पर स्टेशन निदेशक के रूप में एक वरिष्ठ अधिकारी होगा। अन्य सभी विभाग स्टेशन निदेशक को रिपोर्ट करेंगे। स्टेशन निदेशक को वित्तीय अधिकार मिलेंगे, ताकि वह स्टेशन को बेहतर बनाने के लिए मौके पर ही निर्णय ले सकें।

क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्री: स्टेशन निदेशक को स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार टिकटों की बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार दिया जाएगा।

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