केंद्र सरकार द्वारा बुंदेलखंड के लिए भेजी गई वाटर ट्रेन लेने से उत्तर प्रदेश सरकार ने मना कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में पानी की भारी किल्लत है। लेकिन सूखे से प्रभावित इस इलाके के बारे में राज्य की अखिलेश सरकार का कहना है कि यहां हालात लातूर जैसे खराब नहीं हैं। बता दें कि पिछले महीने महाराष्ट्र के लातूर में घोर जल संकट और सूखे की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने ट्रेन के जरिए पानी भिजवाया था। इसके बाद सवाल उठे थे कि लातूर में तो केंद्र ने पानी भिजवा दिया पर मोदी सरकार उत्तर प्रदेश की सुध क्यों नहीं ले रही है?
ऐसी खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने रेल मंत्रालय का चिट्ठी लिख कर कहा है कि हमारे यहां लातूर जैसी समस्या नहीं है। अगर हमें पानी की जरूरत हुई तो हम रेलवे को बताएंगे। रेलवे ने बुंदेलखंड के महोबा में पानी पहुंचाने की तैयारी की थी। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार यूपी के लिए पहली वाटर ट्रेन 5 मई की शाम को रवाना होकर बीना, झांसी होते हुए 6 मई की सुबह महोबा पहुंचनी थी।
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की पहल पर यह गाड़ी राजस्थान के कोटा से बाणसागर बांध से पानी लेकर जाने वाली थी। सिन्हा ने मीरपुर-महोबा के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल से सलाह करके रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को महोबा में पानी भेजने के निर्देश दिए थे। लेकिन, राज्य सरकार का कहना है कि उससे पानी की जरूरत के बारे में पूछे बिना रेलवे ने वाटर ट्रेन भेजने का फैसला कर लिया।