महेश केजरीवाल
उत्तर रेलवे से जुड़े प्रवासी स्रोत वाले राज्यों के अलावा कई ऐसे प्रमुख राज्यों में कम आय वाले श्रमिक व मजदूर प्रवासियों के लिए भी रेल यात्रा आसान बनाने की पहल हो रही है। इस रेल यात्रा को आसान बनाने के लिए गैर वातानुकूलित ट्रेनें चलाने की तैयारी चल रही है। देश के सबसे बड़े रेल जोन (क्षेत्र) में शाामिल उत्तर रेलवे से लगते राज्यों क्रमश: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में लाखों प्रवासी श्रमिक और मजदूर रहते हैं।
इन राज्यों में रहने वाले कम आय वाले प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों गैर वातानुकूलित व सामान्य श्रेणी की ट्रेनें चलाने पर यात्रा आसान हो सकेगी। आम दिनों के अलावा त्योहारों के मौके घर जाने वाले ऐसे मजदूरों व श्रमिकों को आरक्षण व सीट नहीं मिलने से काफी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग घर जाने से वंचित रह जाते है।
नई ट्रेनों को स्थायी रूप से ऐसे राज्यों से चलाया जाएगा जहां अधिक जरूरत है। इन ट्रेनों के चलने से नियमित रूप से चल रही ट्रेनों पर भी दवाब कम होगा। कोरोना काल के दौरान ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई गई थी। इस दौरान राज्यों ने प्रवासी मजूदरों के बारे में अनुमानित संख्या की जानकारी मिली थी। रेलवे के अनुसार इन ट्रेनों को नियमित समय सारिणी में भी शामिल किया जाएगा, ताकि यात्री समय से आरक्षण करा सकें। अधिकाधिक जगहों पर रहने वाले ऐसे प्रवासियों के बारे में उत्तर रेलवे ने भी रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट सौंपी थी।
डीआरयूसीसी सदस्य निखिल के अनुसार यह सब तैयारी आगामी लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। पहले भी जनसाधारण और अंतोदय जैसी ट्रेनें चलाई गई थी। इस प्रकार की ट्रेनों के चलने से ऐसे लोगों को राहत मिलेगी।
20 शयनयान कोच और आठ साधारण कोच होंगे
उत्तर रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार ऐसी चलाई जाने वाली गैर वातानुकूलित ट्रेनों में 20 शयनयान कोच और आठ साधारण कोच होंगे। इन ट्रेनों के चलने के बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोगो को आरक्षित टिकट मिल सकेगा। जानकारी के अनुसार ऐसी ट्रेनों का किराया भी कम होगा।