कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) और एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) को हिदुस्तान की गरीब जनता पर लगाया गया टैक्स बताया है। गांधी ने आज हवाईअड्डे पर संवाददताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि चाहे एनआरसी हो या एनपीआर हो, यह हिदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स है। उन्होंने कहा कि, ‘‘(जिस तरह) नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स था। बैंक में जाइए, पैसा दीजिए, अपने एकाउंट से पैसा नहीं निकालिए और पूरा का पूरा पैसा 15 से 20 लोगों को दे दिया गया। यह (एनआरसी, एनपीआर) भी बिल्कुल वही चीज है।’’
45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी: राहुल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब गरीबों को कागज बनवाने के नाम पर रिश्वत देनी पड़ेगी। कांग्रेस नेता ने इसे गरीबों पर हमला करार दिया। साथ ही उन्होंने अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थित पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि, ‘‘आज पूरी दुनिया में कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान में हिंसा हो रहा है। महिलाओं को यहां सड़कों पर नहीं चलने दिया जा रहा है और बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है।लेकिन प्रधानमंत्री कुछ कर नहीं पा रहे हैं।’’
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सभी जातियों को साथ लिए बिना अर्थव्यवस्था नहीं चलाया जा सकता: दरअसल, राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे। इस मौके पर आयोजित एक सभा में गांधी ने कहा, ‘‘सभी धर्मों, जातियों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को साथ लिए बिना हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती।’’
अर्थव्यस्था किसान चलाता है: केन्द्र सरकार को इंगित करते हुए गांधी ने कहा कि, ‘‘जब तक आप इस देश को जोड़ेंगे नहीं, तब तक देश के लोगों की आवाज विधानसभाओं और लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक नाहीं रोजगार और नाहीं अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ किया जा सकेगा। क्योंकि अर्थव्यवस्था को किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी ही चलाते हैं।’’