महाराष्ट्र की भिवंडी कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। राहुल को दरअसल निचली अदालत का वो फैसला रास नहीं आ रहा जिसमें उनके विवादित भाषण की कॉपी को साक्ष्य के तौर पर मानने का फैसला किया गया है।
राहुल के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने मानहानि का केस दायर कर रखा है। इसकी सुनवाई भिवंडी की मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही है। राहुल के जिस भाषण पर कुंटे को आपत्ति है वो 2014 की एक चुनावी रैली में दिया गया था। राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ को जिम्मेदार ठहराया था। ये रैली 2014 के आम चुनावों से ऐन पहले महाराष्ट्र के भिवाड़ी इलाके में आयोजित की गई थी।
हाईकोर्ट ने कहा था- सीआरपीसी के सेक्शन 294 के तहत सीडी को साक्ष्य नहीं मान सकते
राहुल गांधी का कहना है कि सितंबर 2021 में हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने कुंटे की अपील को कारिज करते हुए भाषण की नकल को साक्ष्य मानने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि सीआरपीसी के सेक्शन 294 के तहत इसे साक्ष्य नहीं मान सकते। जस्टिस का कहना था कि केवल इस वजह से कि राहुल ने केस को खारिज करने की मांग वाली अपनी याचिका के साथ भाषण की सर्टिफाइड कॉपी लगा दी थी इस वजह से कुंटे की अपील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट का कहना था कि ट्रायल के दौरान सीडी को सही साबित करके दिखाना होगा।
राहुल का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाषण की सीडी को सबूत मानने का आदेश जारी कर दिया था। ये कानूनन सही नहीं है। उनकी हाईकोर्ट से डिमांड है कि भिवंडी की कोर्ट के आदेश को तत्काल प्रभाव से खारिज किया जाए। सोमवार को जस्टिस सारंग वी कोतवाल की बेंच ने राहुल की याचिका पर कहा कि इस मामले में जस्टिस डेरे ही विचार करें तो ज्यादा बेहतर रहेगा, क्योंकि वो केस को अच्छी तरह से समझती हैं। राहुल गांधी ने ये भाषण 6 मार्च 2014 को दिया था।
