आज संसद में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे। मतलब 2018 की तरह एक बार फिर पीएम मोदी और राहुल गांधी का आमना-सामना होगा।
इससे पहले 2018 में विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। सरकार ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को 199 वोटों से हरा दिया था। कुल 126 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था जबकि 325 सांसदों ने इसे खारिज कर दिया था।
लोकसभा का यह सत्र सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नहीं याद किया जा सकता, क्योंकि इस दौरान सदन में मौजूद पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच कुछ ऐसा हुआ था, जिसे आज याद किया जाना चाहिए। 12 घंटे की जोरदार बहस के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई तीखे हमलों से अपने भाषण की शुरुआत की थी और आखिर में वह पीएम मोदी को गले लगाते दिखाई दिए थे।
जब पीएम मोदी की सीट पर पहुंच गए राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने भाषण के आखिर में थे। वह नफरत को मिटाने और मोहब्बत की बात कर रहे थे। गांधी ने कहा,”मेरे अंदर आपके लिए इतना सा भी गुस्सा, क्रोध और नफरत नहीं है, यह कांग्रेस की भावना है और हम इसे आप तक पहुंचाएंगे, मैं इस भावना को आपके अंदर से निकालुंगा।” यह कहकर वह पीएम मोदी की ओर बढ़े और उन्हें गले लगा लिया।
इस दौरान पीएम मोदी असहज से दिखाई दिए। वह गले मिलने के लिए खड़े नहीं हुए, लेकिन वह जल्दी ही ठीक हो गए और उन्हें पीठ थपथपाने और हाथ मिलाने के लिए बुलाया। यह रहस्य बना हुआ है कि छोटी सी मुलाकात के दौरान मोदी ने राहुल गांधी से क्या कहा। बाद में भाजपा ने इसे पीएम के प्रोटोकॉल से जोड़ते हुए कहा कि यह एक अजीब हरकत है।
‘गले लगने और पड़ने में फर्क होता है’
पीएम मोदी ने 2019 के आम चुनाव से पहले संसद में अपना आखिरी भाषण देते हुए इस पूरे मामले को याद करते हुए कहा था, “मैं यहां पहली बार आया और कई चीजें सीखीं। पहली बार, मुझे गले लगना और गले पड़ने के बीच अंतर महसूस हुआ।”
राहुल गांधी पीएम मोदी को गले लगाने के बाद जब अपनी सीट पर लौटे तो उनके बगल में ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठे थे। राहुल गांधी ने उनकी तरफ देखा और आंख मारी, यह सीन रिकॉर्ड हो गया। भाजपा ने कहा कि सबकुछ स्क्रिपटेड था। पीएम मोदी ने कहा,”मैंने पहली बार देखा कि सदन में आंखों की गुस्ताखियां हो रही हैं।”