कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत यूपी में है लेकिन आज उनसे एक नया विवाद जुड़ गया जो कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने से संबंधित है। आज राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के दौरान सुबह बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए थे लेकिन उनकी पूजा करते हुए तस्वीरें सामने नहीं आईं तो बवाल मच गया। कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्ट पर ही गंभीर आरोप लगा दिए हैं और कहा है कि मंदिर प्रशासन ने राहुल गांधी के साथ पक्षपात किया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी ने शनिवार को सुबहर काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की थी लेकिन मंदिर प्रशासन ने इस पूजन की तस्वीरें जारी नहीं कीं। अजय राय ने आरोप लगाया कि प्रत्येक भाजपा नेता को अपने साथ कैमरे ले जाने की इजाजत होती है लेकिन राहुल गांधी की दी गई अनुमति रद्द कर दी गई और मोबाइल कैमरे तक नहीं ले जाने दिए गए हैं। अजय राय ने कहा कि इसीलिए हमारे पास दिखाने के लिए राहुल गांधी द्वारा काशी विश्वनाथ के पूजन की तस्वीर नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें कहा गया, “आज सवेरे करीब 10.30 बजे राहुल गाधी ने काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और अभिषेक किया। अंतिम क्षण पर मंदिर में जाने के लिए हमारे कैमरा को मिली अनुमति निरस्त कर दी गई। ज़िला प्रशासन ने आश्वस्त किया कि मंदिर के कैमरापर्सन द्वारा फोटो साझा की जाएगी। साढ़े तीन घंटे तक लगातार प्रयास करने पर भी फोटो उपलब्ध नहीं कराई गई। फिर कुछ 7 तस्वीरें भेजी गईं, जिनमें से एक भी दर्शन करने की नहीं हैं – जबकि मंदिर के कैमरापर्सन ने फोटो खींची थीं।”
कांग्रेस ने बताया था ओछापन
कांग्रेस ने अपने इस पोस्ट के जरिए वाराणसी जिला प्रशासन पर भी हमला बोला है। पार्टी की तरफ से कहा गया कि ऐसा करके वाराणसी के जिला प्रशासन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह दिल्ली में बैठे ‘कैमराजीवी’ के मुलाजिम से ज़्यादा और कुछ नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीति और चाटुकारिता नहीं बल्कि ओछापन तक बताया है।
मंदिर ट्रस्ट ने जारी की सफाई
कांग्रेस पार्टी ने काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और जिला प्रशासन पर हमला बोल दिया लेकिन ट्विस्ट तब आ गया जब मंदिर ट्रस्ट ने यह कह दिया कि कांग्रेस पार्टी जिस महंत से मंदिर में पूजन कराने की बात कर रही है, उस नाम का तो मंदिर में महंत है ही नहीं। बता दें कि कांग्रेस नेताओं ने महंत राजेंद्र तिवारी का नाम दिया था लेकिन मंदिर प्रशासन ने अपनी प्रेस रिलीज में स्पष्ट किया है कि राजेंद्र तिवारी द्वारा कोई संकल्प या पूजन ही नहीं करवाया गया है।
मंदिर प्रशासन के स्पष्टीकरण के बाद अब यह भी सवाल ख़ड़े होने लगे हैं कि क्या राहुल गांधी ने मंदिर में जाकर पूजा की भी है या नहीं। वहीं कांग्रेस इसे बीजेपी पर हमले के लिए इस्तेमाल कर रही है कि दर्शन किए थे लेकिन तस्वीरें सार्वजनिक नहीं की जा रही हैं।