कांग्रेस नेता और राहुल गांधी और विपक्ष के दूसरे नेताओं को पाकिस्तान की तरफ से आम मिले हैं। इसे मैंगो डिप्लोमेसी कहा जाता है। इससे पहले नवाज शरीफ जब प्रधानमंत्री थे, उन्होंने पीएम मोदी को भी ऐसे ही आम भेजने का काम किया था। लेकिन इस बार जब राहुल गांधी और कुछ दूसरे नेताओं को आम के कार्टन पहुंचे है, बीजेपी हमलावर है। उसने इसका अलग ही मतलब निकाल लिया है।

आम राहुल को मिले, बीजेपी क्या बोली?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश का आम अच्छा नहीं लगता मगर राहुल और उनके टुकड़े टुकड़े गैंग को पाकिस्तान से जब आम आता तो इसके स्वाद अच्छे लगते हैं ! क्या Mango Diplomacy में पाकिस्तान के साथ कोई डील तो नहीं हो रहा? इसी कड़ी में बीजेपी नेता अमिल मालविया ने भी एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने तो सीधे बोला है कि पाकिस्तान ने सिर्फ कुछ लोगों को ही आम भेजने का काम किया है।

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वे लिखते हैं पाकिस्तान ने सिर्फ राहुल गांधी, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मोहिबुल्लाह नदवी, जिया उर रहमान बर्ग, अफजल अंसारी, इकरा हसन को ही क्यों आम भेजा। कुछ लोगों को आम कौन भेजता है, इससे भी पहचाना जा सकता है। वैसे समझने वाली बात यह है कि आम भेजना कोई नई बात नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ पाकिस्तान ही सिर्फ भेजता हो।

पुरानी है मैंगो डिप्लोमेसी

यह नहीं भूलना चाहिए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हर साल पीएम मोदी को आम भेजे हैं। उनकी तरफ से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सोनिया गांधी तक को आम के कई कार्टन भेजे गए हैं। ऐसा माना जाता है कि तनाव के बीच रिश्तों में सुधार लाने के लिए मैंगो डिप्लोमेसी की जाती है। भारत भी इस तरह से कई वस्तुओं का आदान प्रदान करता रहता है। लेकिन इस बार क्योंकि सिर्फ विपक्ष के नेताओं को आम मिले हैं, इस वजह से बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है।