Rahul Gandhi New Home: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने के बाद उन्हें सरकारी बंगला भी आवंटित किया जाएगा। राहुल गांधी 2004 में पहली बार अमेठी से लोकसभा सांसद चुने गए थे। तब उन्हें 12 तुगलक लेन बंगला मिला था। पिछले 19 साल से राहुल गांधी का यही ठिकाना था। मोदी उपनाम मानहानि केस में गुजरात की सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसके कुछ दिन बाद ही राहुल गांधी को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया था। राहुल गांधी अप्रैल महीने में आवास खाली कर अपनी मां सोनिया गांधी के साथ रहने चले गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो चुकी है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि राहुल गांधी का नया सरकारी आवास 12 तुगलक रोड के बदले 7 सफदरजंग लेन हो सकता है। दरअसल 12 तुगलक लेन में राहुल गांधी का घर और दफ्तर दोनों था, लेकिन राहुल गांधी के जाने के बाद टेम्पररी निर्माण तोड़ दिया गया था। इसी कारण अब राहुल गांधी नया बंगला तलाश रहे हैं। राहुल गांधी की मांग पर लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने उनको कुछ विकल्प दिए हैं। विकल्प के तौर पर राहुल गांधी को 7 सफदरजंग लेन में मौजूद बंगला दिया गया है।
प्रियंका गांधी के साथ देखने गए थे आवास
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा सचिवालय के इस्टेट ऑफिस ने राहुल गांधी से 8 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है कि उन्हें वही आवास चाहिए या नहीं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी अपने लिए एक और आवास देख रहे हैं। राहुल गांधी हाल में ही अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली के लुटियन जोन स्थित 7 सफदरजंग लेन स्थित आवास को देखने गए थे। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि राहुल गांधी 7 सफदरजंग लेन में स्थित आवास में रहेंगे या 12 तुगलक लेन वाले अपने पुराने आवास में ही रहेंगे।
इस महाराजा का आवास रहा है 7 सफदरजंग लेन
साल 1980 में संसद सदस्य रंजीत सिंह गायकवाड़ को 7 सफदरजंग लेन आवास अलॉट किया गया था। रंजीत सिंह साल 1989 तक संसद रहे थे। 27 दिसंबर 1989 को उनका आवंटन रद्द कर दिया गया। आवंटन रद्द होने के बाद भी उनके कानूनी उत्तराधिकारी ने बंगले में रहना जारी रखा। साल 2001 में महाराज के वारिसों को बंगला खाली करने का आदेश दिया गया। पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट ने भी महाराज के वारिसों को बंगले को खाली करने का आदेश पारित किया था। जिसके बाद इस बंगले को खाली करा लिया गया था।
क्या है मोदी उपनाम केस?
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलर में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी ही क्यों है? इसी वाक्य से आहत होकर गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कर दिया था। मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई। इसके अगले दिन ही राहुल गांधी की संसद सदयस्ता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। गुजरात हाई कोर्ट ने सूरत हाई कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। मानहानि केस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
