कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पिछले दिनों गुजरात के उना में थे। वहां वे दलितों पर हुए अत्याचार के पीड़ितों से मिलने पहुचे थे। वहां एक अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मिलने वक्त उन्होंने एक महिला को गले लगाकर ढांढस बंधाया। राहुल ने उन्हें पीड़ित में से किसी एक की मां समझ लिया था। लेकिन वह महिला किसी पीड़ित की मां नहीं, बल्कि 55 वर्षीय रमाबेन मुच्छड़िया निकलीं, जिनके ऊपर रंगदारी और दंगा फैलाने जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। रमाबेन के मुताबिक, ”एक दलित मां के तौर पर मैं उनसे (पीड़ितों) मिलने अस्पताल गई थी। मैं उनके लिए दो टिफिन भी लेकर गई थी। मुझे वार्ड में जाने के लिए पास मिल गए थे और मैं अंदर एक पीड़ित का हालचाल ले रही थी कि वहां राहुल गांधी आ गए। उस समय, पीड़ितों की हालत देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए, फिर उन्होंने मुझे गले लगा लिया।” उना के दलित युवाओं को गौ-रक्षकों ने मृत गाय का चमड़ा उतारने के लिए प्रताड़ित किया था। उन्हें नंगा कर एक कार से बांध पीटा गया। मामला सामने आया तो राष्ट्रीय परिदृश्य में इसकी खूब चर्चा हुई। जिसके बाद गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कई पार्टियों के नेताओं ने उना का दौरा किया था।
गांधी पर विपक्षी दल पहले भी अवसरवादी राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं। उनकी मां सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष और राहुल के उपाध्यक्ष रहते हुए भी पार्टी को पिछले कई चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है। भाजपा प्रवक्ता राजू ध्रुव ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा, ”यही क्लासिक राहुल गांधी हैं। वह हमेशा अपनी पार्टी को शर्मनाक परिस्थितियों में डालते रहे हैं। दलित पीड़ितों से सहानुभूति दिखाने में वह कुछ ज्यादा ही कर गए।” गुजरात के स्थानीय कांग्रेस नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जिस अपराधी को राहुल ने गले से लगाया, उसने अस्पताल में घुसने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल किया। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी के मुताबिक, ”पास हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा दिए गए थे, आने वालों की पहचान ड्यूटी पर मौजूद मेडिकल अफसरों ने की थी। कांग्रेस वहां मौजूद लोगों की पहचान की प्रकिया से वाकिफ नहीं थी।”
हालांकि गुजरात कांग्रेस के महासचिव हेमांग वसावड़ा ने कबूला है कि स्थानीय पार्टी नेताओं ने स्थिति को अपीलिंग दिखाने के लिए रमाबेन को ‘प्लांट’ किया था। प्लान यह था कि घटना को ‘मानवीय’ रंग देकर आनंदीबेन पटेल प्रशासन को राहुल और मीडिया के सामने और बुरा बना दिया जाए। राजकोट में न्यूरोसर्जन वसावड़ा ने द टेलीग्राफ को बताया, ”यह एक ऐसी बेवकूफी भरी हरकत थी जिसका बचाव नहीं किया जा सकता। इससे पार्टी शर्मसार हुई है और भाजपा को हथियार मिल गया है जो कि उना घटना के बाद बैकफुट पर थी।” पुलिस ने इस मामले में अब जांच शुरू कर दी है।
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राहुल गांधी कुछ दिन पहले संसद में अपना सिर झुकाए और आंखें बंद किए नजर आए थे। जिसके बाद सोशल मीडिया पर राहुल का खूब मजाक उड़ा था। कांग्रेस ने राहुल का बचाव करते हुए कहा था कि वह अपना फोन चेक कर रहे थे। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी ने कहा था कि राहुल अपनी आंखों को एयरकंडीशनर की हवा के मुताबिक एडजस्ट कर रहे थे।